पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/२६८

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गिननी [२ पद कहके बोला। ४९। केवल लावी की गोष्टी को मत गिन और उन्हें इसराएल के संतानों की गिनती में मत मिला ॥ ५ ० । परंतु लाबियों को माक्षी के तंबू और उस की समस्त वस्तु पर ठहरा वे नंधू को और उस के पात्रों को उठाया करें और उन की सेवा करें और तंबू के आस पास छावनी करें ॥ ५१ । और जब तंबू धागे वढे नव लायी उसे गिरवि और जब तंबू को खड़ा करना हो तब मावी उसे खड़ा करें और जो परदेशी उस के पास श्रावे से माण से भारा जाय ॥ ५२। और इमराएल के संतानो में हर एक अपनी अपनी छावनी में हर एक मनुष्य अपनी समस्त सेना में अपने ही मंडे के पास अपना अपना तंबू खड़ा करे॥ ५३ । परंतु नाबी साक्षी के तंबू के आम पास डेरा करें जिमतें इमराएल के संतानों की मंडली पर केपि न पड़े और लावी साक्षी के तंबू की रखवाली करें ॥ ५४ । सो जैसा परमेश्वर ने मूसा को श्राजा किई थी इसराएल के संतानों ने उन सभा के ममान किया। । २ इमरा पई । फर परमेश्वर मूमा और हारून से कहके बोन्ना ॥ २ । कि इसराएल के संतानों में से हर एक जन अपना झंडा और अपने पितरों के घराने की ध्वजा के संग मंडली के तंबू के आस पास दूर डेरा करे। ३ । पर्व दिशा में सूर्य के उदय की ओर यहूदाह की छावनौ अपनी समस्त सेना में झंडा गाड़े और अम्मिनदब का बेटा नहशन यहूदाह के संतान का मधान होये। ४। और उस की सेना और जो दन में गिने गये सेर चौहत्तर सहस छः सा थे। ५ । और उन के पास इशकार की गोष्ठी डेरा करे और सुग्र का बेटा नननिऐल इशकार के संतान का प्रधान होवे।। ६ । और उम् की सेना और वे जर उन में गिने गये से चौवन सहस्न चार सौ थे॥ ७। फिर जबुलून को गोष्ठी और हैलून का पुत्र अलीयाय न बुलून के मनान का प्रश्वान होवे ॥ ८। और उस की सेना और सब जो उन में गिने गये सो सत्तावन सहस्र चार सैर वे ॥ । से सब जो यहदाह की छावनी में गिने गये उन की समस्त सेनों में एक लाख छियामी सहन चार सौ थे ये पहिले बड़े ॥ १० । और दक्खिन दिशा की