पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/२९

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११ पर्च] पुस्तक । बाबुल कहावता है क्योंकि परमेश्वर ने यहां सारे जगत की भाषा का गड़बड़ किया और परमेश्वर ने यहां से उन को मारी पृथिवी पर विन्द्र भिन्न किया। २० मिम की बंशावली यह है कि सिम सो बरम का होके जलमय के दो बरम पीके उस्ले अर फकसद उत्पन्न हुआ॥ ११। और अरफ़कमद की उत्पत्ति के पीछे सिम पांच सौ बरस जीत्रा और उसे बेटे बेटियां उत्पन्न हुई। १२। और जब बरफकमद पैंतीम बरस का हुया उरझे सिलह उत्पन्न हुआ। १३ । और सिलह की उत्पत्ति के पीछे अरफ़कसद चार सो तीन बरस जीया और उरो बेटे बेटियां उत्पन्न १४। सिन्मह जब तीस बरम का हुआ उस्मे इब्र उत्पन्न हुआ। १५ । और सिल ह दूब की उत्पत्ति के पीछे चार मा तीन बरस जीया और उस्मे बेटे वेटियां उत्पन्न हुई। १६ । और इब्र से चैतिीस बरस के बय में फलज उत्पन्न हुआ। १७। और फलज की उत्पत्ति के पीछे इब्र चार सौ तीम बरस जीया और उसे बेटे बेटियां उत्पन्न हुई। १८। तीस बरस की बय में फलज से रऊ उत्पन्न हुआ॥ १६ । और रक की उत्पत्ति के पीछे फलज दो सौ नब बरस जीया और उस्मे बेटे बेटियां उत्पन्न हुई। २० । बत्तीस बरस के बय में रक से सरूज उत्पन्न इबा ॥ २१ । और मरूज की उत्पत्ति के पीछे रज दो सौ सात बरम जौआ और उसने बेटे बेटियां उत्पन्न हुई ॥ २२। मरूज जब तीस बरस का हुया उस्से नहर उत्पन्न हुआ ॥ २३ । और नहर की उत्पनि के पीके महज दो मी बरस जीश्रा और उस्म बेटे बेटियां उत्पन्न हुई। २४ । नहूर जब उतीम बरम का इत्रा उसे तारह उत्पन्न हुआ। २५ । और तार ह की उत्पत्ति के पीछे नहर एक से उतीम बरम जीवा और उसे बेटे बेटियां उत्पन्न हुई। २६ । नारह जब सत्तर बरस का हुया उम्मे अविराम और नहर और हारन उत्पन्न हुए ॥ २७॥ तारह की बंशावली यह है कि नारह से अबिराम और नहूर और हारन उत्पन्न हुए और हारन से लन उत्पन्न हुआ। और हारन अपने पिता तारह के आगे अपनी जन्म भूमि अर्थात् कलदानियों के जर में मर गया ॥ २८ । और अविराम और नहूर ने पत्नियां किई अथिराम की