पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/२९०

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२८२ गिनती ए १. ट्सवां पर्च। फिर परमेश्वर मुमा से कहके बोला ॥ २। कि अपने लिये चांदी के दो नरसिंगे एक ही टुकड़े से बना कि मंडली के बुलाने के और छावनी के कंच करने के कार्य के लिये होयें। ३। और जब वे उन्हें फेंके तय मारी मंडली नेरे पाम मंडली के तंबू के द्वार पर आप को एकट्टी करे। ४। और यदि एक ही फूंका जावे नब अध्यक्ष जो इसरालियों के सहस्रों के प्रधान हैं तेरे पाम एकटे हेयिं ॥ ५। और जब तुम छोटे बड़े शब्द से फूंको तो पूर्ब दिशा की छावनी आगे बढ़े ॥ ६ । जब तुम दृमरी बेर छोटे बड़े शब्द से फूंको तो दकिचन दिशा की छावनी कूच करे वे अपने कूच के लिये छोटे बड़े शब्द से फूंके ॥ ७। परंतु जब कि मंडली को एकट्ठी करना होवे नद फूंको परंतु छोटे बड़े शब्द मत करो। ८। और हारून याजक के बेटे नरमिगे फूंका करें और तुम्हारे लिये 'तुम्हरे समस्त बंशों में यह विधि सनातन ला रहे॥ । और यदि बैरियों से जो तुम्हें सताते हैं अपने देश से लड़ने का निकला तो तुम नरसिंगे से छोटे बड़े शब्द फूंको और अपने ईश्वर परमेश्वर के आगे स्मरण किये जागो और तुम अपने शत्रुन से बच जाओगे॥ १० । और अपने अानंद के दिन और अपने पड़ी के दिन अपने मासे के प्रारंओं में अपनी होम को भेट औऔर अपने कुशल की भेंटों के बलिदानों पर नरसिंगे फंको जिसने तुम्हारे कारण ईश्वर के आगे तुम्हारे सारण के लिय होने में परमेश्वर तुम्हारा ईश्वर हं ।। ११ । फिर या हुआ कि दूसरे बरस के दूसरे मास की बीसवौं तिथि को मेष साक्षी के नब से ऊपर उठाया १२ । इमराएल के स्तान सीना के अरण्य से कूच किय और फारान के अरण्य में मेष ठहर गया । १३ । सेमसा की और से परमेश्वर की आज्ञा के समान उन्हों ने यात्रा किई। पहिले यहूदाह के संतान को कावनी के झंडे उन के काटकों के समान चले उन पर अभिनय का बेटा नहसून घा॥ १५ । और इशकार के संतान की गोष्ठी को सेना पर सुग्र का बेटा नत निरेख था । १६। और जबुलून के संतान को गोष्ठी को सेना पर हैलून का बेटा गया ॥