पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/२९३

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को पुस्तक । २८५ इन सारे लोगों को गर्भ में रखा क्या में ने उन्हें जमा है कि मुझे कहता है कि उन्हें उस देश में जिस की तू ने उन के पितरो से किरिया खाई है अपनी गोद में ले जिम रीति से पिता दूध पीवक बालक के गोद में लेता है। १३ । मैं कहां से माम लाऊं कि उन सब लोगों को देॐ वे मुझे रो रोके कहते हैं कि हमें खाने का मांस दे ॥ १४ ॥ मैं अकेला इन सब लोगों का भार उठा नहीं सका इस कारण कि मेरे लिये बहुत बोझ है। १५ । यदि तू मुझ से यों हीं करता है तो मुझे मार के अलग कर और यदि मैं तेरी दृष्टि में अनुग्रह पाये हं ना में अपनी विपति न देखें। १६ । तव परमेश्रर ने रसा से कहा कि इसराएल के प्राचीनों में से सत्तर पुरुष जिन्हें न प्राचीन और प्रधान जानता है मेरे लिये बटार और उन्ह मंडली के सब पास लावे तेरे संग वहां खड़े रहें॥ १७॥ मैं उतरूंगा और तेरे साथ बात करूंगा और में उम अात्मा में से जो तुझा पर है कुछ लेकर उन पर डालूंगा कि मेरे साथ लोगों का बोझ उठायें जिस तू अकेला असे न उठावे॥ १८॥ और लोगों से कह कि कल आप को पवित्र करो और तुम मांस खाओगे क्योंकि रो रोके तुम्हारा यह कहना परमेश्वर के कानों में पहुंचा कि कौन हमें मांस खाने को देगा क्योंकि हम तो मिल ही में भले थे से परमेश्वर तुम्हें मांस देगा और तुम खायोगे ॥ ९६। और तुम एक ही दिन न खाओगे न दो दिन न पांच दिन न दस दिन न बीस दिन । २०। परंतु एक मास भर खायोगे जव लो कि चुह तुम्हारे नथुनों से न निकले और तुम उस्मे घिन न करो क्योंकि तुम ने ईश्वर की निंदा किई जो तुम्हों में है और उस के अागे या कहके रोवे कि हम मिस्त्र से क्यों बाहर आये ॥ २१ । नब मूसा ने कहा कि ये लेग जिन में मैं हूँ छः लाख पगयत हैं और तू ने कहा है कि मैं उन्हें इतना मांस देऊंगा कि वे एक मास भर खावें ॥ २२ । क्या भंड और लेहंडे उन्हें तृप्त करते के लिये बधन किये जायेंगे अथवा समुद्र की सारी मलियां उन के लिये एकट्ठी किई जायेगी जिसने ये टन हावें ॥ २३ । परमेश्वर ने मूसा से कहा कि क्या परमेश्वर का हाय घट गया अब तू देखेगा कि मैं वचन का पूरा हूं कि नहीं। २४। तब मूसा ने बाहर जाके परमेश्वर