पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/२९८

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

[१४ पर्व गिनती और मब लोग जिन्हें हम ने देखा है बड़े डील के हैं। ३३ । और हम ने वहां दानव अनाक के बेटे दानवों को देखा और हम अपनी और उन की दृष्टि में फनगे की नाई घे ॥ ५४ चौदहवां पर्च । ब मारौ मंडली चिल्ला के रोई और लोग उस रात भर रोया त किये। २। फिर मारे इसराएल के संतान मसा और हारून पर कुडकुड़ाये और ममस्त मंडली ने उन्हें कहा हाय कि हम मिस्र में मर जाते और हाथ कि हम इसी अरण्य में नष्ट होते॥ ३। हमें क्रिम लिये परमेश्वर इस देश में लाया कि खड्ग से मारे जायें और हमारी स्त्रियां और हमारे बालक पकडे जावे क्या हमारे लिये अच्छा नहीं कि मिस को फिर जावें । ४। तब उन्हों ने आयुम में कहा कि प्राओ एक को अपना प्रधान बनावें और मित्र को फिर चलें ॥ ५। तब मूसा हारून इसराएल के संताने की मारी मंडली के सामने बौधे मूंह गिरे। ६ । और नून के बेटे या और यफुन्नः के बेटे कालिब ने जो उन में थे जो देश के भेद लेने गये थे अपने कपड़े फाड़े ॥ उन्हों ने इसराएल के संतानों की सारी मंडली से कहा कि जिस देश के भेद लेने को हम आरपार गये अति अच्छी भमि है। ८। यदि ईश्वर हम से प्रसन्न होवे तो हमें उस देश में ले जायगा और वह भूमि जिस पर दूध मधु बह रहा है हमें देगा॥ । अब तम केबल ईश्वर से कुल न करो और उस देश के लोगों से मत डरो क्यांकि वे तो हमारे लिये भोजन हैं उन के आड़ उन से जा चुके हैं और परमेश्वर हमारे साथ है उन की भय मत करो। १०। परंतु सारी मंडली ने कहा कि उन पर पन्थरवाह करो उस समय मंडली के तंबू में सारे दूसराएल के संतानों के साम्न परमेश्वर की महिमा प्रगट हुई। ५१। और परमेश्वर ने मूसा से कहा कि ये लोग कब लो मुझे खिझायेंगे और उन अायों के कारण जो मैं ने उम में दिखाये हैं वे कब लो मुझ पर विश्वास न करेगे॥ ९२ मैं उन्हें मारूंगा और उन्हें अधिकार रहित करूगा और तुझे इन से एक बड़ी और बलवंत जाति वनाऊंगा । १३ । मूमा ने परमेश्वर से ७। और