पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/३०५

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१४। और त से १६ पब्बे] को पुस्तक । हारून कौन है जो तुम उस के विरोध में कड़कुड़ाते हे।। १२ । फिर ममा ने इलिअब के बेटे दातन और अविराम को बुलवाया वे बोले कि हम न पावेंगे ॥ १३। क्या यह छोटी बात है कि तू हमें उस भूमि में से जिम में दूध और मधु बहता है चढ़ालाया कि हमें अरण्य में नाश करे और अब आप को हमारे ऊपर सर्वथा अध्यक्ष बनाता है। हमें ऐसौ भूमि में न लाया जहां दूध और मधु बहे तू ने हमें खेत और दाख को बारी का अधिकारी नहीं कर दिया क्या तू दून लोगों की आख निकाल डालेगा हम तो न आवगे ॥ १५ । तब मूमा का क्रोध भड़का और परमेश्वर से या बाला कि त उन की भट को पर मत ताक में ने उन से एक गधा भी नहीं लिया न उन में से किसी को दुःख दिया ॥ १६ । फिर ममा ने कुरह से कहा कि तू और तेरी मारी जया और हारून सहित परमेश्वर के आगे कल के दिन आ॥ १७। और हर एक मनुष्य अपनी अपनी धूपावरी लेवे और उस में धूप डाले और तुम्म से हर एक अपनी अपनी धूपाघरी परमेश्वर के प्रागं लाये सब अढ़ाई सो धूपावरी होय तु और हारून अपनी पावरी लावे ॥ १८ । सेर हर एक ने अपनी अपनी धूपावरी लिई और उस में अाम रकवी और धूप डाला और मंडली के तंब के द्वार पर नूसा और हारून नहित या खड़े हुए ॥ १८ ॥ और करह ने सारी मंडली को मंडली के तंब के द्वार पर उन के विरोध पर एकट्ठी किया तब परमेश्वर को महिमा सारीमंडली के साम्न प्रगर हुई। २० । और परमेश्वर मसा और हारून से कहके बाला ॥ २१। कि इस मंडली में से आप को अलग करो कि मैं उन्ह पल भर में नाश करूं ॥ २२ । तब वे अधेि मूंह गिरे और बोले कि हे ईश्वर सारे शरीरों के प्रात्मा का ईश्वर पाप एक करे और क्या तू सारी मंडली पर क्रुद्ध हावे॥ २३ । तव परमेश्वर मूसा से कह के बोला॥ से कह के बाला॥ २४ । कि तू मंडली से कह कि कुरह और दालन और अविराम के तंबुओं में से निकल आयो । सो ममा उठा और दातन और अबिराम के यहां गया और दूसराएल के प्राचीन उस के पीछे हो लिये ॥ २६ । और उस ने मंडली से कहा कि उन दुष्टां के नंबुओं से निकल जाना और उन की किसी छुओ न होवे कि तुम भी उन के सब पापा में नाश हो जाओ॥ २७॥ से। [A. B. S.] वस्तु मत 38