पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/३०७

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को पुस्तक 1 UBI १७ प] को जथा के समान न होवे जैसा परमेश्वर ने मसा के द्वारा से उसे कहा था। ४१ । परंतु बिहान को इसराएल के मतान की सारी मंडली ममा और हारून के विरोध में कुड़कुड़ाके बोली कि तुम ने परमेश्वर के लोगों को मार डाला। ४२। और यों हुआ कि जब ममा और हारून के विरोध में मंडनी एकट्ठी हुई, तब उन्हों ने मंडली के तंबू की और ताका और क्या देखते हैं कि मेव ने उसे ढाप लिया और परमेश्वर की महिमा प्रगट हुई। ४३। तब मूसा और हारून मंडली के तंबू के श्रागे आये ।। और परमेश्वर ममा से कहके बाला॥ ४५ । कि तुम इस मंडली में से अलग हो जिसने मैं उन्हें एक पल में नाश कर डालूं तब वे बाँधे मंह गिर पड़े ॥ ४६ । और मूसा ने हारून से कहा कि धपावरौं ले और उस में बेही पर को आग रख और धूप डाल और मंडलो में शौघ जाके उन के लिये प्रायश्चित्त दे क्योंकि परमेश्वर के आगे से कोप निकला और मरी प्रारंभ हुई। ४७। तब जे सो मूमा ने आज्ञा किई धौ हारून मंडली के मध्य में दौड़ गया और क्या दखता है कि मरी लोगों में प्रारंभ हुई सो उम ने धूप रख के उन लोगों के लिये प्रायश्चित किया। ४८। वुह जोवनों और मृतकों के बीच में खड़ा हुआ तव मरी थम गई। ४६ । से जितने उम मरी से मरे उन्हें छाड़के जा (कुरह के विषय में नष्ट हुए चौदह महसमात सैर थे। ५ । फिर हारून मंडली के तंव के द्वार पर मूसा पास फिर अाया और मरो घम गई । १७ सत्तरहवां पर्व। +फर परमेश्वर ममा से कह के बोला ॥ २।कि इसराएल के संतानों से कह और उन में से उन के पितरों के घराने के समान हर वराने पोछ उन के मब प्रधानों से एक एक छड़ी ले और उन के पितरों के समान बारह छड़ी और हर एक का नाम उस को कड़ी पर लिख ॥ ३ ॥ और लाबी की छड़ी पर हारून का नाम लिख क्योंकि हर एक प्रधान के कारण उन के पितरों के घरानों के लिये एक एक छड़ो होगी। ४ । और उन्हें मंडलौ के तब में साक्षी के आगे रख दे जहां मैं तुम से भेंट