पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/३१३

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की पुस्तक अशव रहेगा। २. पर्च कर जायगा इस कारण कि उस ने परमेश्वर के पवित्र स्थान को अशुद्र किया दूम लिये कि अन्नग करने का पानी उम पर छिड़ का न गया बुह अराइ २१ और यह उन के लिये नित्य की विधि होगी जो कोई अलग करने के पानी को छिड़के से अपने कपड़े धोवे और जा कोई अलग करने के पानी को वे से सांकला रहेगा॥ २२॥ और जो कुछ अपवित्र मनुष्य छ वे से अपवित्र होगा और जो प्राणी उसे छुचेगा सो सांझ लो अशुद्ध होगा। २० बीना पर्च। म के पौके इमराए न के संतानों की सारी मंडली पहिले माम सोना के अरण्य में आई और कादिस में उतर पड़ी और मिरयम वहां मर गई और गाड़ी गई। ३। वहां म डली के लिए पानी न था तब वे मूसा और हारून के विरोध पर एकट्ट हुए ॥ ३। और लोगों ने मूमा से झगड़ के कहा हाय कि जब हमारे भाई परमेश्रर के आगे मर गये हन भी मर जाते ॥ ४ । तुम परमेश्वर को मंडलो को इम अरण्य में क्यों लाये कि हम और हमारे ढोर मर जाय। ५ । और निन से इस बुरे स्थान में क्यों चढ़ा लाये यहां नो खेत और गूलर और दाख और अनार नहीं हैं और पीने को पानी नहीं ॥ ६। तब ममा और हारून मभा के आगे से मंडली के तंब के द्वार पर गये और बाँधे मुंह गिरे तब परमेश्वर को महिमा उन पर प्रगट हुई ॥ और परमेश्रर मसा से कहके बोला । ८। कि छड़ी ले और तू और तेरा भाई हारून मंडली को एकद्री करो और उन को आंखों के आगे पर्चत को कहा और वह अपना पानी देगा तू उन के लिये पर्चत से पानी निकाल और उस्म त म डली को और उन के पशु न को पिला॥ । सेनमा ने कूड़ो को परमेश्वर के आगे से लिया जैमो उस ने उसे अाज्ञा किई थो। १.। १.। और ममर और हारून ने मंडली को उम पर्व तके आगे रकट्ठो किया और उम ने उन्हें कहा कि मुनेो हे दंगतो क्या हम तुम्हारे लिये इम पर्चत से पानी निकाल । ५१। तब मूसा ने अपना हाथ उठाया और उस पर्बत को दोबार अपनी कड़ी से मारा [1. B.S.] तुम हमें 30