पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/३३०

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गिनती उस की बेटियों के नाम ये हैं महलः नूः हजतः और मिलकः गार निरजः॥ २ । और ममा और इलिअजर वाजक और सब मडली और अध्यक्षों के आगे मंडलौ के तंब के द्वार के निकट खड़ी हुई और बोली। ३ । कि हमारा पिता बन में मर गया और बुह उन की जथा में न था जो परमेश्वर के बिरुद्ध होके एकटे हुए थे अर्थात कुरह की परंतु अपने पाप के कारण मर गया उस के कोई बरा न था। ४ । सो हमारे पिता का नाम रस के घराने से क्या कर निकाला जाय क्या इस लिये कि उस के कोई बेटशन था हमें हमारे पिता के भाइयों में मिल के भाग देया॥ ५॥ तब मुसा उन का पद परमेश्वर के निकट लेगया। ६। और परमेश्वर मूसा से कहके बोला ॥ ७॥ कि सिलाकि हाद की बेटियां सच कहती हैं तू उन्हें उन के पिता के भाइयों में भागी करके अबश्य अधिकार दे और एसा कर कि उन के पिता का अधिकार उन्हीं को पहुंच॥ ८। और इसराएल के संतानों से कह यदि कोई पुरुष मर जाय और उस के कोई बेटा न हो तो उस का अधिकार उस की बेटी को पहुचे॥ । और यदि उम की बेटी भी न हो तो उस के भाइयों को उस का अधिकार दौजिया ।। १० । यदि उस के भाई. न हो तो तुम उस का अधिकार उस के पिता के भाइयों को दे ओम ११। यदि जस के पिता के भाई भी न हों तो तुम उस का अधिकार उस के वराने के सनौथी कुटम्ब को दो बुह उस का अधिकारी होगा और यह आना इसराएल के सतानो के लिये जैसा परमेश्वर ने मसा से कहा यह सदा के लिये विधि होगी। १२ । फिर परमेश्वर मूसा से कह के बोला कि अब तू अबरीम के इस पहाड़ पर चढ़ जा और उस देश के जो मैं ने दूसराएल के संतानों को दिया है देख ॥ १३ । और जब तू उसे देख लेगा तू भी अपने लोगों में मिल जायगा जिस रीनि से तेरा भाई हारून मिल गया। १४ । क्योंकि मंडली के झगड़े में जीन के अरण्य में तन मेरी आज्ञा के विरोध में फिर गये और उनकी आंखों के आगे पानी पाम जो मरीवः के पानी कादिस में जोन के अरण्य में मुझे पवित्र न किया ॥ १५ । तब मूसा परमेश्वर के आगे कह के बाला ॥ १६ । कि हे परमेश्वर सब शरीरां के माणे का ईश्वर किसी को मंडली का प्रधान बना ॥ १७। जा बाहर