पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/३३१

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कौ पस्तक भीतर उनके आगे आगे अाया जाया करे और जो बाहर भीतर उन की अगुआई करे जिसने परमेश्वर की मंडली उन भड़ों की नाई न हो जाय जिन का कोई रखवाल न है। ॥ १८ । नब परमेश्वर ने मूसा से कहा कि नून के बर यह सूत्र को ले जिस पर अात्मा है और उस पर अपना हाथ रख ॥ १८। और उसे इलिअजर याजक और सारीमडली के आगे खड़ा कर और उन के श्रामे उसे आज्ञा कर ॥ २० । और अपनी प्रतिष्ठा में से उस पर कुछ रख जिमते इसराएल के संतानों की सारी मंडली बश में होवे । २१ । बुह इलिअजर याजक के धागे खड़ा होबे जो उस के लिये उरिम के न्याय के समान परमेश्वर के आगे पछ बुह और मारे इसराएल के संतानों की सारी मंडली उस के कहने से बाहर जाय और उस के कहने से भीतर आवें ॥ २२। से जैसा परमेश्वर ने उसे आज्ञा किई थो मूसा ने यहूसूत्र को लेके इसिजर याजक और मारी मंडली के साम्ने खड़ा किया ॥२३ । और उस ने अपने हाथ उस पर रक्खे और जैसा कि परमेश्वर ने मूमा कौ और से कहा था उसे आज्ञा दिई । २८ अट्ठाईसवां पर्व । परमेश्वर मूसा से कह के बाला॥ २ । कि इसराएल के संतानों को आज्ञा करके उन्हें बाल कि मेरी भेट और होम के बलिदानों की रोटौ मेरे मुगंध के लिये उन के समय में पालन कर के चढ़ायो । ३। तू उन्हें कह कि होम को भेट जो तुम परमेश्वर के लिये चढ़ाइयो सो यह है कि पहिले बरस के दो निखार मेन्न प्रतिदिन निन्य के होम की भर के लिये ४। एक मेम्ना बिहान को और एक मेम्ना सांझ को॥ ५ । और सबा सेर पिसान और मवा सेर कूटा हुआ तेल भाजन को भेंट के लिये ॥ ६। यह होम की भेट निव्य के लिये है जा सौना के पहाड़ पर होम का बलिदान परमेश्वर के मुगंध के लिये ठहराया गया है।७। और उस के पौने की भट सबा सेर एक मेम्ना के लिये नौक्षण दाखरस को परमेश्वर के आगे पीने की भेंट के लिये पवित्र स्थान में बिटावे ॥ ८। और तू दूसरा मेन्ना सांझ को चढ़ाना तू बिहान के भोजन की भेंट की नाई उस के पीने को भेंट को नाई परमेश्वर के सुगध -फर