पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/३३२

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गिनतो [२८ पर्व के लिय होम की भेंट चढ़ा। । और विश्राम के दिन पहिले वरम के दा निवाट मेने अढाई सेर पिसान भाजन की भट के लिये तेल से मिला हुआ और उम के पोने की भेंट समेत ॥ १.। हर एक विश्राम के होम की भेंट नित्य के होम की भेंट को काड़ के और उस के पीने की भंट यही है। १९ । और तुम्हारे मास के प्रारंभ में हेम की भेंट के लिये परमेश्रर के आगे दो बछड़े एक मेंढ़ा पहिले बरम के निखाट सात मेम्ने चढ़ाओ॥ १२॥ एक बछड़ा के लिये तेल से मिला हुआ पाने चार सेर पिमान भोजन की भेंट के लिये एक मेंढ़े के लिये तेल से मिला हुशा अढ़ाई सेर पिसान भोजन को भेट के लिये ॥ १३ । एक मेन्ना के भाजन की भेट के लिये तेल से मिला हुआ सबा सेर पिसान सुगंध के होम की भेंट के लिये आग से बनाया हुआ परमेश्वर के लिये बलिदान । १४। और उन के पीने की भेट एक बड़े पीछे अढ़ाई सेर दाखरस और में पीछे अढ़ाई पाव है और मेम्ना पोछ सबा सेर बरस के हर मास के होम का बलिदान यह है॥ १५॥ और निन्य के हे।म के बलिदान और उम के पीने के बलिदान को छोड़ पाप की भट के लिये परमेश्वर के अरगे बकरी का एक मेम्ना चढ़ाया जाय ॥ १६ । पहिले मास की चौदहवीं तिथि परगेश्वर का पार जाना है। १७। और इस मास की पंढरहवौं तिथि को पार जाने का पर्व होगा सात दिन तुम अखमौरी रोटी खाइयो। १८ । पहिले दिन पवित्र बुलावा होगा उस दिन तुम कोई संसारिक कार्य न करना॥ १६ । और होम का बलिदान भाग से परमेश्वर के लिये यह चढ़ाइया दो बछड़े एक मेंढ़ा पहिले बरस के सात निखाट मेन्ने। २० । और उम के साथ भोजन को भेट पौने चार सेर पिमान तेल से मिला हुवा हर बछड़े पीछ और हर में पीछे अढ़ाई सेर चढ़ाइयो॥ २१॥ और सातो मेन्नों में से हर मेना पौई सवा सेर चढ़ाइयो। २२ । और अपने प्रायश्चित्त के निमित्त पाप की भेट के निये एक बकरी॥ २३। तुम बिहान के होम के बलिदान से अधिक जो सदा जलाया जाता है चढ़ाया करो॥ २४ । परमेश्वर के सुगंध के लिये हेम के बलिदान के नाम को सात दिन भर प्रतिदिन इस रौति से चढ़ाइयो