पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/३४३

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गिनती [३३ पब्वं और यअजीर और यगविहाह । ३६ । चार चैननिमरत और घरेजर नगर भेडा के लिय भेड़ शाले बनाये॥ ३७। और रूबिन के मंतान ने हमबन गौर इनाली और करयतेन ॥ ३८। और नबू और बञ्चलम- ऊन उन के नाम फेरे गये और शिवमः और उन नगरों के जो उन्हों ने बनाये और ही नाम रकचे॥ ३० । तब मकौर के संतान नुनमी के वेट जिनिअट कर गये चार उसे ले लिया और उस में के अमरियों को उठा दिया॥ ४ ० । और मसा ने जिनिअद का मकीर मुनस्मो के बेटे को ४१ । और मुनमी का बेटा याइर निकला और उसके छोटे छोटे नगरों को ले लिया और उनका नाम याइर गांव र कला ॥ ४२। और नूवा गया और किनान और के गांगों को ले लिया और उस का नाम अपने नाम के समान नूबह रफ्वा । ३३ तिनीसवां पर्ब । सा छौर हारून के बश में होके मिस देश से अपनी अपनी सेना दिया और बुह उम बसा। उस हैं। २ । और मूसा ने परमेश्वर की आज्ञा के समान उन की यात्रा के अनसार उन का कंच लिख रक्खा और उन की यात्रा के अनसार उन का कंच यह है। ३। कि इसराएल के मनान पहिले माम को पंद्रहवीं तिथि में बीत जाने के पर्व के दूसरे दिन राममीस से बड़े बल के साथ यात्रा कर के समस्त मिस्त्रियों की दृष्टि में सिधारे ॥ ४ । क्योंकि मिस्त्रियों ने अपने ममस्त पहिलोटों का जिन्हें परमेश्वर ने उन में नाश किया घा गाड़ा परमेश्वर ने उन के देवतों को भी न्याय का दंड दिया । सो इमराएल के मंतानों ने रामसोस से उटके सुक्कात में डेरे किये ॥ ६ । और सुक्कात से चल के नाम में जा बन के सिवाने में है डेरा किया। ७। फिर ऐनाम से कूच करके फोउन हीरात को जो बअलमफून के सन्मुख है फिर गये और मिजदान के आगे डेरा किया। । ८। फिर फी उलहीरात से चले और समुद्र के मध्य में से निकल के बन में आये और ऐनाम के वन में तीन दिन के टप्पे पर गये और मरः में डेरा किया। । और नर: से चलके एलीम में अाये जहां पानी के ५ ।