पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/३४४

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२३ पच] की एस्तक। बारह सोने और कोहाड़े के सत्तर पेड़ थे और वहां डेरा किया ॥ १० ॥ और ऐलोम से यात्रा करके लाल समुद्र के लग डेरा किया ॥ ११ ॥ और लान समुद्र से चल के सीन के बन में डेरा किया ॥ १२। और मौन के बन से यात्रा करके दफकः में डेरा किया। १३ । और दफका से चलके अलस में डेरा किया ॥ १.४ । और अलूस से चल के रफोदीम में डेरा किया वहां लोगों के पीने के लिये पानी न था। १५ । और रफीदीम से चलके सौना के अरण्य में लाये ॥ १६ । और सौना के अरण्य से चलके किबरातुल तावः में डेरा किया॥ १७। और किबरातुल ताबः से याचा करके हसीरात में डेरा किया। १८। और हसौरान से चल के रिममः में डेरा किया। १६ । औरर रितमः से चलके सम्मानफरस में डेरा किया ॥ २०॥ और सम्मानफरस से चलके लिवन: में डेरा किया। २६। और लिबमः से चलके रिसह में डेरा किया ॥ २२ । और रिरमह से चल के कहीलाथा में डेरा किया॥ २३। और कीलाया से चलके सफर पहाड़ में डेरा किया । २४। चार सफर पहाड़ से चलके हरादः में डेरा किया ॥ २५ । और हरादः से चलके मकहीलात में डेरा किया॥ २६ । और मकहीलात से चलके तहत में डेरा किया । २७। और तहत से चलके तारह में डेरा किया ॥ २८। और तारह से यात्रा करके मिनकः में डेरा किया। २६। और मितका से चलके हमूना में डेरा किया ॥ ३० । और हश्मना से चलके मूमौरूस में डेरा किया ॥ ३१ । और मूसौरूस से चल के यअकान में डेरा किया। ३२। और यअकान से चल के जिदजाद में डरा किया ।। ३३ । और जिजाद से चराके युतवता में डेरा किया ॥ ३४ । और युतवता चल के अब्रनः में डेरा किया। ३५ । और अबन से चलके अमयनजब में डेरा किया। ३६। और असयनजब से सिन के अरण्य में जा कादिम है डेरा किया ॥ ३७॥ और करदिस से चलके हर पर्वत के बन में जो अट्टम के देश का सिवाना है डेरा किया ॥ ३८। हारून याजक परमेश्वर की श्राज्ञा से हूर पर्वत पर चढ़ गया और वहां मर गया यह दूसराएल के संतानों के मित्र से बाहर निकलने के चालीसवें बरस के पांचवें माम की पहली तिधि थी ३९। और हारून एक सौ तेईस 11