पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/३६२

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३५४ विवाद बनाओ ॥ १७॥ किमी पशु की प्रतिमा जापृथिवी पर है अथवा किमी पंछी का रूप जो आकाश में उड़ते हैं॥ १८॥ अथवा किसी अंत का रूप जो भमि पर रेंगते हैं अथवा किसी मछली का रूप जो एधियों के नीच पानियों में हैं। १८ । एसा न हो कि तुम वर्ग की और आंख उठाओ और सूर्य और चंद्रमा और तारों को और आकाश की समस्त सेना को देखो तब उन्हें पूजने के बगदाये जाया और उन की सेवा करो जिन्हें परमेश्वर ने वर्ग के तले समस्त जातिगणां के लिये विभाग किया है। २०। परंतु परमेश्वर ने तुम्हें लिया और युह तुम्हे लोहे के भट्ट से अधीन मिस्न में से निकाल लाया जिमतें तुम उम्र की ओर से अधिकार के लोग होओ जैसा कि आज के दिन । २१। परमेश्वर तुम्हारे ईश्रर ने तुम्हारे कारण से मुझ पर रिसिया के किरिया खाई कि तू यरदन पार न जायगा और उस अच्छे देश में जिस का परमेशर तेरा ईश्वर तुझे अधिकारी करता है न पऊंचगा॥ २२ । परंतु में अवश्य इसी देश में मरूंगा निश्चय में यर दन पार उनर ने न पाजंगा परंतु तुम पार उतरोने और उस अच्छी भूमि के अधिकारी हायोगे॥ २३ । अाप से चौकस रहे। ऐसा न हो कि तम परमेश्वर अपने ईश्वर की बाचा को जो उस ने नुम से किई भूल जाया और अपने लिये खादी हुई मर्ति श्रयवा किसी वस्तु का रूप बनाया जिस के बनाने से परमेम्बर तेरे ईश्वर ने नौ बजी है। २।। क्यांकि परमेश्वर तेरा ईश्वर एक भसाक अग्निज्वलित ईश्वर है। २५ । जब नुझ से तड़के और लड़कों के लड़के उत्पन्न होंगे और तुम अ- नेक निलों उस देश में रहोगे और बिगड़ जायेगे और खादी ई मूर्ति और किसी का रूप बनाओग और परमेश्वर अपने ईश्वर के अागि बुराई करके उस के कोप को भड़काओगे। २६ । ना मैं अाज के हिन तुम पर स्वर्ग और एधिवी को मादी धरता हूं कि तम उस देश पर से जहा तुम यरदन पार जाते हो कि अधिकारी बना शौन नाश हो जाओगे तुम वहां अपने दिन को न बढ़ाओगे परतु सर्वथा नष्ट हो जाओगे॥ २७ । पार परमेश्वर तुम्ह जातिगार में हिम्न भिन्न करेगा और अन्य दशियां के मध्य में जिधर तुम्हे परमेश्वर ले जायगा थेाड़े से रह जाये.गे। २८. वहां उमदे बने की सेवा करोगे जो मनथ्यों के हाथों से बने हैं लकड़ी के और