पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/३६८

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[७ पर्च विवाद हैं मत जाइयो। १५। क्योंकि परमेम्बर तेरा ईभार जो तम्हारे मध्य में है चलित ईअर है नहो कि परमेार तेरे ईश्वर के कोप कौ भाग तुझ पर भड़के और तुम्हें पृथिवी पर से मिटा डाले ॥ १६। तुम परमेश्वर अपने ईश्वर की परीक्षा मत कीजियो जैसो नम ने मरमः में उस की परीक्षा किई॥ १७। तुम यत्न से परमेश्वर अपने ईश्वर की आज्ञायों को और उस की सरक्षयों को और विधि को जो उस ने तुझ आज्ञा किई है सारण करियो। १८। और बही कौजिया जा परगेश्वर की दृष्टि में ठीक और भला है जिसने तेरा भला होवे और लू उस मुथरी भूमि में जिम के विषय में परमेश्वर ने तेरे पितरों से किरिया खाई है प्रवेश करके अधिकारी होवे ॥ १६ । कि तुम्हारे भागे से लम्हारे सारे बैरियां को दूर करे जैसा परमेश्वर ने कहा है। २० । जब कल को नेरा बेटा लभ से यह कहके पूछे कि ये कैसी साक्षियां और विधि और विचार हैं जो परमेश्वर हमारे ईश्वर ने तम्हें आज्ञा किई है। २१ । तब अपने बेटे से कहियो कि हम मिस में फिरजन के बंधुए थे तब परमेश्वर सामर्थी हाथ से हमें मिस्र से निकाल लाया । २२। और परमेश्वर ने चिन्ह और बड़े बड़े दुःख और पीड़ा के अाश्चर्य मिस्र मे फिरजन पर और उस के मारे घराने पर हमारी आंखों के आगे दिखाये । २३ हमें वहां से निकाल लाया जिसने हमें उस दश में पहुंचा। जिस के विषय में उन ने हमारे पितरों से किरिया खाई हमें देवे। २४1 से परमेश्वर ने हमें अाज्ञा किई कि हम उन सब विधिन पर चलें और परमेश्वर अपने ईश्वर से अपने भले के लिये सर्वदा डरें जिसमें त्रुह हमें जीता रको जैसा आज के दिन है॥ २५ । और यही हमारा धो होगा यदि हम इन मब अाज्ञा को परमेश्वर अपने ईवर के आगे उस की आज्ञा के समान पालन करें। ७सातवां पर बकि परमेश्वर दाई र उस देश में जिस का अधिकारी होने जा जाता है तुझ पहुंचावे और तेरे आगे से बहुत जातिगणों को दूर करे अर्थात् हिनियों को और जिरजाशियों को और अरियां को