पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/३६९

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को पुस्तक । ७ पर्य] और कनानियों को और फरजियों को और हवियां का और यमियों सात जातिगणों को जो तुझ से बड़े और सामर्थी हैं। २। और जब कि परमेश्वर तेरा ईश्वर उन्हें तुझ सौंप देवे न उन्हें मार के सर्वथा नाश करियो उन से कोई बाचा न बांधियो न उन पर दया कौजिया । म उन से विवाह करियो न उस के बेटे को अपनी बेटी दीजियो न अपने बेटों के लिये उस की बेटी लीजियो। ४। क्योंकि वे तेरे बेटे को मुझ से फिरावगी जिसने वे आन देवता की सेवा करें सो परमेश्वर का क्रोध तुम पर भड़केगा और बुह तुझे अचानक नाश कर देगा ॥ ५। से तुम उन से यह व्यवहार करियो उन की बेटियों को टाइयो उन की भर्तिन को नोडियो उन के कुंजों को कारडालिया और उन की खेोदी हुई मूर्तियों को आग से जलाइयो । ६ । क्योंकि तू तो परमेश्वर अपने ईश्वर के लिये पवित्र लोग है परमेश्वर तेरे ईश्वर ने तुझे चुना कि तू सब लोगों में से जो एथिवी पर हैं उस के निज लोग हो। ७। परमेश्वर ने तुम से इस लिये प्रौनि करके तुम्हें नहीं चुना कि तुम सारे लोगों से गिनती में अधिक थे क्योंकि तुम समस्त लोगों से थाई थे। ८। परंतु इस कारण कि परमेश्वर तुम से मौति रखता था और इस कारण कि उसे उस किरिया को पालन करना था जो उस ने रम्हारे पतरों से खाई थो परमेश्वर तुम्ह अपनी मामर्थ्य से निकाल लाया और द सेा के घर से मिस्त्र के राजा फिरजन के हाथ से तुम्हें कुड़ाया ॥ । सो जान रखना कि परमेश्वर तेरा ईश्वर वही ईश्वर बह विश्वस्त ईश्वर है जो उन से जो उम्म मम रखने हैं और उस की आज्ञायों को पालन करते हैं सहस्र पौढ़ी लो बाचा और दया रखता है। १.। और जो उस्म बैर रखते हैं उन के मुंह पर परमटा देके उन्हें नाश करता है जो उसे बैर रखता है वुह उम के लिये बिमव न करेगा वह उस के देखते ही पलटा देगा। व उन आज्ञा और विधिन और विचार केा जा में तुझे आज के दिन पालन करने का आज्ञा करता हूं धारण करियो। १२। सेो यदि तुम इन विचारों को मुनोग और धारण करके उन्हें मानोगे तो या होगा कि परमेश्वर नेरा ईश्वर उस प्रण और दया का जिम के विषय में उस ने तेरे पितरों से [A. B.S. 16