पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/३७३

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।
  • पन्चे

को पुस्तक । न जानता है और कहते हुए सुना है कि कौन है जो अनाक के मंतान के आगे ठहर सक्ता है। ३ । सो तू आज के दिन ममुझ ले कि परमेश्वर तेरा ईश्वर जो तेरे आगे आगे पार जाता है भसाक अग्नि के नस्य वुह उन्हें नाश करेगा और बुह उन्हें तेरे आगे धूस्त करेगा तू उन्हें हांक देगा और शीघ्र नष्ट करेगा जैसा परमेश्वर ने तमें कहा है।४। और जब परमेश्वर तेरा ईश्वर उन्हें तेरे आगे से दूर कर देवे नब अपने मन में मत कहना कि परमेश्वर ने मेरे धर्म के कारण मुझे इस देश का अधिकारी किया परनु परमेश्वर उन जातिगणां की दुघता के कारण उन्हें तेरे आगे से हांक देता है ॥ ५ 1 तू अपने धर्म से और अपने मन की खराई से उस देश का अधिकारी होने नहीं जाना परंतु परमेश्वर तेरा ईश्वर उन जातिगण को दुष्टता के कारण उन्हें तेरे आगे से हांक देना है जिसने वुह उस बचन को जो उस ने किरिया खाके तेरे पितर अबिरहाम और इज़हाक और यअकब से कहा पूरा करे॥ ६ । सो समझ ले कि परमेश्वर तेरा ईश्वर तेरे धर्म के कारण तुझ उस अचो देश का अधिकारी नहीं करता कांकि तू तो कठोर लोग है ॥ ७। चत कर भूल न जा कि तू ने परमेश्वर अपने ईम्पर के कोप को बन में क्योकर भड़काया जिम दिन से किन मिस्र के देश से बाहर निकला जब लो इस स्थान में आये तुम परमेश्वर से फिरगये हो ॥ ८ । और तुम ने हरिब में भी परमेश्वर के क्रोध को भड़काया से परमेश्वर तुम्हें नाश करने के लिये क्रुद्ध हुा । जब मैं दो पत्थर को पटियां लेने को पहाड़ पर चढ़ा अर्थात् नियम को पटियां जो परमेश्वर ने तुम से किया तब मैं चालीस रात दिन उम पहाड़ पर रहा मैं ने रोटी न खाई न पानी पीया॥ १० ॥ तब परमेश्वर ने पत्थर की दो पटियां मुझ सॉपी जिन पर परमेश्वर ने अपनी अंगुलियों से लिखा था उन सब बातों के समान जो परमेश्वर ने पहाड़ पर आग में से तुम्हारे एकटे होने के दिन तुम से कहो थौं ॥ ११ ॥ ऐमा हुआ कि चालीस दिन रात के पीछे परमेश्वर ने पत्यर को वे दोनों पटियां अर्थात् नियम की पटियां मुझे दिई ॥ १२॥ और परमेश्वर ने मुझे कहा कि उठ चल यहां से नीचे जा क्योंकि तेरे लोगों ने जिन्हें त मिस से निकाल लाया श्राप को बिगाड़ दिया वे झट पर उस मार्ग से जो मैं ने उन्हें और