पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/३७६

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[१. पी बिबाद पानियों के नदियों का देश है। ८। उस ममव परमेश्वर ने लाबी की गोष्ठी को इस लिये अलग किया कि परमेश्रर के नियम की मंजूधा को उठा और परमेश्वर के आगे खड़ होके सेवा करें और उस के नाम से आशीष देबें से आज के दिन लो यूंही है। । इस लिये लावी का अंश और अधिकार उस के भाइयों के साथ नहीं परमेश्वर उस का अधिकार है जैसा परमेश्वर तेरे ईश्वर ने उसे बचन दिया॥ १। और मैं अगले दिनों के समान फिर चालीस रात दिन पहाड़ पर रहा उस समय भी परमेश्वर ने मेरी सुनी और परमेश्वर ने न चाहा कि तुझे बिनाश करे॥ ११। फिर परमेश्वर ने मुझे कहा कि उठ और लोगों के आगे आगे चल और उन्हें ले जा जिसन वे उम देश में बस जो मैं ने उन के पितरों से किरिया खाके कहा था कि उन्हें देगा॥ १२॥ अव हे इसराएल परमेश्वर तेरा ईश्वर तुझ से क्या चाहता है केवल यही कि तू परमेश्वर अपने ईश्वर से डरे और उस के सारे मार्गों पर चले और उसे प्रम रक और अपने सारे मन से और अपने सारे प्राण से परमेश्वर अपने ईश्वर की सेवा करे। १३ । और परमेश्वर को आज्ञान को और उस की विधिन को जा आज के दिन तेरी भलाई के लिये तुझे कहता हूं पालन करे जिसते तेरी भलाई होवे॥ १४ा देख कि खर्ग और सुगा के वर्ग और पृथिवी उस मब समेत जो उस में है परमेश्वर तेरे ईश्वर का है। १५ । केबल परमेश्वर ने चाहा कि तुम्हारे पितरों से प्रेम रकले इस लिये उन के पीछे उम के बंश को अधीत तुम्ह समस्त लोगों से अधिक चुन लिया जैसा कि आज है। १६ । सेा अपने मन का खतनः करो और भागे को कठार मत होओ।१७। क्योंकि परमेश्वर तम्हारा ईश्वर ईश्वरों का ईनर और प्रभुओं का प्रभु एक महा ईश्वर शक्तिमान भयंकर है जा मनुश्यत्व पर दृष्टि नहीं करता और अकार नहीं लेना । १८। घुह पानाथों और विधवा का न्याय करता है और परशियों से प्रेम रखके उन्हें भाजन बस्त्र देता है। तम भी परदेशियों को प्यार करो क्योंकि नुम भी मिन के देश में परदेशी थे ॥ २० । परमेश्वर अपने ईश्वर से डरता रह उस की सेवा कर और उमी से सबलीन रह उनी के नाम को किरिया खा ॥ २१ । वही तेरी तति और नेरा ईश्वर १९। से