पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/३९०

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[१७ पर ३८२ विवाद होय ॥ ३। और जाके दूसरे देवों की पजा किई हो और उन्हें दंडवत किई हो जैसे सूर्य अथवा संद्रमा अथवा अकाश को कोई सेनाजिन को मैं ने अरज्ञा नहीं दिई॥ ५। और तुझ से कहा जाय और त ने मुना है और धन से खाजा और सन्य पावा और निश्चय किया जाय कि इसराएल में ऐसा चिनित कार्य हुअा है ॥ ५। तब तू उस पुरुष अथवा उस स्त्री को जिस ने तेरे फाटकों में दुष्ट कार्य किया है उसी पुरुष अथवा उमौ स्त्री को बाहर लाइयो और उन पर यहां लो पथरताह कीजिया कि वे मर जावें॥ ६। दो अथवा तीन की माक्षौ से जो मार डालने के योग्य है मार डाला जाय परंतु एक साक्षो से बुह मारा न जाय । ७। पहिले साचियों के हाथ उस के मारने के लिये उठे और पीछे सब लोगों के तुम अपनो में से बुराई को यो मिटा डालियो। ८। यदि आपुम के लोहू बहाने में और त्रापुम के विवाद में और आपुस की मार पीट में तेरे फाटकों के भौनर अपवाद के विषय में नेरे विचार के लिये कठिन हाय तो तू उठ और उस स्थान को जा जा परमेश्वर तेरे ईश्वर ने चुमा है॥ । और याजको अधात् लाथियों पास और उस न्यायी के पास जो उन दिनों में हो जा और उस्मे पूछ और वे तुझ न्याय की आज्ञा बतावेंगे॥ १० ॥ और तू उस आज्ञा के समान करना जो वे तुझे उम स्थान मे जिसे परमेश्वर चुनेगा बहावे तू सोचके उन सभी के समान जो वे तुझे बतावे मानना। ९१। और उस व्यवस्था की आज्ञा के समान जा वे तुझे सिखावें और उस विचार के नुल्य जो तुझे कहें करिया और उम आज्ञा से जो चे तुझे बनावें दहिने बायें मत मुड़ियो॥ १२। और जो मनुष्य दिठाई करे और उस याजक की बात जो परमेश्वर तेरे ईम्वर के आगे सेवा करने के लिये खड़ा है अथवा उस न्यायो का बचन न सने बही मनुष्य मार डाना जाय और तू इसराएल में से उस बुराई को यो मिटा दीजियो। १३ । जिसने समस्त लोग सुने और डरें और फेर दिठाई से अपराध न करें। १४ । जब तू उस देश में जा परमेश्वर तेरा ईश्वर तुझे देता है पहुंचे और उसे अपने वश में करे और उस में बसे और कहे कि उन सब जातिगण के समान जो मेरे पास पास हैं मैं भी अपने लिये एक राजा बनाऊंगा। २.५ । जो तू किमी रीति से अपने