पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/३९१

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को पुस्तक ऊपर राजा ठहराना जिसे परमेश्वर तेरा ईश्वर चुमे तू अपने भाइयों में से एक को अपना राजा बनाना और किमी परदेशी का जो तेरा भाई नहीं है अपने ऊपर न ठहराना ॥ ५६ । परंतु बुह अपने लिये घोड़े न बढ़ावे और न लोगों को मिस्त्र में फेर लेबाजाय जिमत घोड़े मढ़ावे कि परमेश्वर ने तुम्हें कहा है कि तुन उस मार्ग में फर कधी न जाना॥ २७। और तुह अपने लिये पनी न बटोरे ऐसा न हो कि उस का मन फिर जाय और वह अपने लिये बहुत रूपा और सेना १८ । और यों होगा कि जब वुह अपने राज्य के सिंहासन पर बैठे तो इस व्यवस्था को पुस्तक में अपने लिये लिखे जो लावी याजको के आगे है॥ २६ । बुह उस के साथ रहा करे और अपने जीवन भर उसे पढ़ा करे जिसने चुह परमेश्वर अपने ईश्वर का डर मीख और दूस व्यवस्था के समस्त बचन और दून विधिन को पालन करे और माने। २० । जिमने उस का अंतःकरण अपने भाइयों के ऊपर न उभड़े और कि बुह अाज्ञा से दहिने अथवा बायें न मुड़े जिमते उस के राज्य में उस के र उस के बैश के दूसराएल के मध्य में जीवन बढ़ जायें। बटारे॥ १८ अठारहवां पर्छ । आजको और लाबी और लावियों की समस्त गोष्ठी का भाग और अधिकार इसराएल के साथ न होगा वे परमेश्वर के होम की भेट और उम के अधिकार खायें । २। इस लिये वे अपने भाइयों में अधिकार न पावगे परमेम्पर उन का अधिकार है जैसा लत ने उन्हें कहा है। ३। और लोगों में से जो बलिदान चढ़ाते हैं चाहे बैल अथवा भेड़ याजक का भाग यह हे।गा किबे याजक को कांधा और दोनों गाल और झाम देखें। ४ । और तू अपने धन और अपनी मदिरा और नेल में का पहिला भाग और अपनी भेड़ो के रोम में का पहिला उसे देना। ५। क्योंकि परमेश्वर तेरे ईश्वर ने नेरी समस्त माठिया में से उसे बुह और उसके बेटे परमेश्वर के नाम की सदा सेवा कर ॥ है। यदि कोई लावो समस्त दूसराएल में से तेरे किसी फाटकों से थावे जहां बुह वास करता था और उस स्थान में जिसे है कि