पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/४००

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

बिवाद [२२ पन्चे न था। है मार डाला जाय ॥ २६ । परंतु उस लड़की को कुछ न कर क्योंकि लडको को धान का पाप नहीं है क्योंकि यह ऐसा है जैसे कोई अपने परोसो पर इनड़ करे और उसे मार डाले। २७। क्योंकि उस ने उसे खेत में पाया और बुह बचनदत्त लड़की चिल्लाई और कुड़ाने को कोई २८। यदि कोई कुमारी कन्या का जो किसी से बचन दत्त न हो पकड के उम्मे कुकर्म करे और वे पकड़े जाने ॥ २६ । नब वुद्ध पुरुष जिम ने उससे कुकर्म किया लडकी के पिता का पचास टकड़ा चादी दवे और बुह उस की पत्नी हेगी इस कारण कि उस ने उसे अपत किया वुह उसे जीवन भर त्याग न करे। ३.। कोई अपने पिता की पत्नी को न ले और अपने पिता की नग्नता को न उघारे। २३ तेईसा पर्ज। जस के अंडकोश में घाव है। वे अथवा लिंग कट गया हेर बुह परमेश्वर की मंडली में प्रवेश न करे। २। जारज अपनी दसवीं पीढ़ो लो परमेश्वर की मंडली में प्रवेश न करें। ३। और अम्मनी और मोबी परमेश्रर की मडली में दसवों पौढ़ो ले प्रवेश न करे कोई उन में से मनातन लो परमेश्वर की मंडली में प्रवेश न करेगा॥ ४ । इस कारण कि जब तुम मिस से निकले उन्हों ने पंथ में अन्न जल लेके तुम से भेंट न किई इस कारण कि उन्द्रों ने बअर के पत्र बलाम को अरम नहर के फतर से बुलाया जिसने तुझे स्राप देव ॥ ५ । तथापि परमेश्वर तेरे ईश्वर ने तेरे लिये आप को आशीष की संती पलट दिया काक परमेश्वर तेरे ईश्वर ने तुझ पर प्रेम किया ॥ ६ । जीवन भर सदा लो तू उन का कुशन्न चार भलाई न चाहना ॥ ७। और किमी अटूमा से घिन न करमा क्येक वुह तेरा भाई है और किसी मित्री से घिन न करना इस कारण कि तू उस के देश में परदेशी था । ८। उनकी तीसरी पीढ़ी के जो लड़के उत्पन्न हो परमेश्वर को मंडली में प्रवेश करें। <। जव सेना अपने वैरियां पर चढ़े तब हर एक पाप से श्राप का बचा रखना॥ १.। यदि तुम्में कोई पुरुष रात्री की अशुद्धता के वुह छावनी से बाहर निकल जाय और कावनी के भीतर कारण अशुद्ध होवे तो