पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/४०२

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[२४ पर्व विवाद के अन्न के खेत में जाय तब अपने हाथ से बालें तोड़ सके परंतु अपने भाई का खेत हंसुआ से मत कार । २४ चवीमवां पन। ब कोई पुरुष पत्नी से ब्याह करे और उस के पीछे ऐसा हो कि वुह उस की दृष्टि में अनुग्रह न पावे इस कारण कि उस ने उस में कुछ अशुद्ध बात पाई तो बुह त्याग पत्र लिखके टस के हाथ में देवे और उसे श्राने घर से बाहर करे॥ २। और जब बुह उस के घर से निकल गई नव चुह दूसरे पुरुष को हो सके। ३। और दूसरा पति भी उसे देख न सके और त्याग पत्र लिखके उस के हाथ में देव और अपने घर से निकाल देवे अथवा दूसरा उसे पत्नी करके मर जाय ॥ ४ । ता उचित नहीं कि उस का पहिला पति जित ने उसे निकाल दिया था जब बुह अशुद्ध हो चुकी उसे फिर लेके पत्नी करे क्योंकि वुह परमेश्वर के प्रागे धिनित है से उम देश को अशुद्ध मत कर जिसका अधिकारी परमेश्वर तेरा ईश्वर तुझे करता है। ५। जब किसी का नया बिबाह हे।वे तब वुह लड़ाई को न जाय और उसे कुछ कार्य न लिया जाय परतु वुह एक बरस अपने घर में अब- काश से रहे और अपनी पत्नी को बहलावे । ६। कोई मनुश्य किसी की चक्की के ऊपर का अथवा नीचे का पाट बंधक न रक्खे क्योंकि बुह जीवन को बंधक रखता है। । यदि मनुष्य इसराएल के संतानों में से किसी भाई को चुराते हुए पकड़ा जाय और उस का बेपार करे अथवा उसे बेचे तेर चार मारा जाय और त् बुराई को अपने में से दूर कर॥ ८॥ चौकस रह कि कोढ़ की मरौ में त चौकमी से देख और सव जो लावो याजक तुम्हें सिखावे उस को रीति पर चल जैसो मैं ने तुझे श्राचा किई है बैमा ही करना। । चेत कर कि जब तुम मिस्र से निकले परमेश्वर तेरे ईश्वर ने मर्ग में मिरयम से क्या किया। १. । जब तू अपने भाई को काई बस्तु मंगनी अथका उधार देवे तब उस का बंधक लेने को उस के घर में मत पैठ॥ ११ । नू बाहर खड़ा रह और उधारनिक श्राप अपना बंधक तेरे पास बाहर लावेगा। १२। और यदि वुह कंगाल होवे तो तू उस के बंधक को रखके