पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/४०८

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४०० [२७ पर्च बिबाद होवें। १४। और लानी इसराएल के समस्त पुरुषों को बड़े शब्द से कह। १५ । कि वह जन खापित है जो खोदके अथवा ढाल के मनि बनावे जो परमेश्वर के आगे घिनित है और कार्य कारी के हाथ के बनाये हुए और गुम स्थान में रखे तब समस्त मंडली उत्तर दे के कहे आमीन ॥ ९६। जो कोई अपने माता पिता की निंदा करे वुह नापित और समस्त लोग बोलें आमीन। १७। जो अपने परोसी के सिवाने के चिन्छ को हटावे सोसापित और समस्त लोग कहें अामौन ॥ १८। जो अंधे को मार्ग से बहकावे से सापित समस्त लोग कहें आमीन। १८। जो परदेशी और अनाथ और विधवा के विचार को बिगाड़ देये सो सापित और समस्त लोग कह धामौन। २. जो अपने पिता की पत्नी के साथ कुकर्म करे से सापित क्योंकि उस ने अपने पिता की नग्नता उघारी और समस्त लोग कहें अामीन ॥ २१ ॥ जो किसी प्रकार के पशु से कुकर्म करे सोचापित और समस्त लोग कहें ग्रामौन॥ २२। जो कोई अपनी बहिन अपनी माता अथवा अपने पिता की पुत्री के साथ कुकर्म करे से सापित और समस्त लोग कहें आमोन॥ २३ । जो कोई अपने सास के संग कुकर्म करे सो सापित समस्त लोग कहें आमीन ॥ २४। जो कोई अपने परोसी को छिपके मारे से खापित समस्त लेग कहें श्रामौन॥ २५ । जो कोई घूस ले के किसी निर्दोषी को घात करे से सापित सब लोग कहें आमौन ॥ २६ । जो कोई इस ब्यवस्था के बचन को पालन करने को स्थिर न रहे सेा नापित समस्त लोग कहें आमीन। २८ अट्ठाईसवां पर्छ । र ऐसा होगा कि यदि तू ध्यान से परमेश्वर अपने ईश्वर का शब्द सुनेगा और चेत में रख के उस की समस्त श्राज्ञाओं को मानेगा जो आज के दिन में तुझे देता हं को परमेश्वर तेरा ईश्वर तुझे प्रथिवी के समस्त जातिगणों में श्रेष्ठ करेगा। २। और यदि त परमेम्बर अपने ईश्वर के शब्द को सुनेगा तो ये समस्त आशीष तुझ पर होंगे और तुझे घर लेंगे। ३। तू नगर में धन्य और खेत में धन्य होगा । ४। तेरे शरीर का और तेरी भूमि का फल और तेरे ढोर का फल और