पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/४०९

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२८ पले को पुस्तक। रौ गाय बैल की बढ़ती और तेरे भेड़ के भंड धन्य ॥ ५। तेरा टोकरा और नेरा कठरा धन्य । ६। तेरा बाहर भीतर आना जाना धन्य। ७। परमेश्वर नेरे बैरियों को जो नेरे विरुव उठगे तेरे सन्मुख मारेगा वे एक मार्ग से तुझ पर चढ़ अवगे औरर सात मार्गों से तेरे आगे से भाग निकलगे॥ ८। परमेश्वर नेरे भंडार पर और तेरे हाथ के समस्त कार्यों पर तेरे लिये आशीष की आज्ञा करेगा और उस देश में जो परमेश्वर तेरा ईश्वर तुझे देता है तुझे श्राशीष देगा॥ । यदि तु परमेश्वर अपने ईश्वर की आज्ञाओं को पालन करे और उस के मार्गों पर चले तो परमेश्वर तुझे अपना पवित्र लोग बनावेगा जैसी उस ने तुभ से किरिया खाई है।। १.। और एथिवी के समस्त लोग देखेंगे कि तू परमेश्वर के नाम से मसिद्ध है सो वे तुम से डरते रहेंगे। ११। और परमेश्वर तेरी संपत्ति में और तेरे शरीर के फल में और तेरे ढोर के फल में और तेरी भूमि के फल में उम देश में जिस के बिषय में परमेश्वर ने तेरे पितरों से किरिया खाके कहा कि तुझे देऊंगा तुझे बड़तौ देगा ॥ १२। परमेश्वर अपना सुथरा भंडार तेरे श्राये खोलेगा कि आकाश तेरे देश पर ऋतु में जल बरसावेगा और तेरे हाथ के समस्त कार्यों में आशीष देगा तू बहुत से जातिगणों को ऋण देगा परंतु तू ऋण न लेगा॥ १३ । और परमेश्वर तुझे सिर बनावेगा और पाक नहीं और न केवल ऊंचा हागा और नौचा न होगा आज के दिन जो आज्ञा मैं तुझे करता हूं यदि तू उन आज्ञा को सुने और पालन करके माने॥ १४ । और तू उन सब बातों में जो आज के दिन मैं तुझे आज्ञा करता हूं दहिने बायें न मुड़े अरु और देवतों का पीछा करके उन की सेवा न करे ॥ १५ । परतु यदि तू परमेश्वर अपने ईश्वर का शब्द ग सुनेगा और ध्यान करके उस की ममस्तु अाज्ञा को और उस की विधिन को जो आज के दिन मैं तभ श्राज्ञा करता हूं न मानेगा तो ये समस्त साप तुझ पर पड़ेंगे चार तुझे जाही लगे ॥ १६ । तू नगर में सापित और खेत में नापित। १। तेरा किरा और तेरी थाल सापित ॥ १८। तेरे शरीर का फल और तेरी भूमि का फल तेरी गाय बैल की बढ़ती और [A. B. 9. 51