पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/४२४

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विवाद परमेश्वर ने उसी दिन मूसा से यह बचन कहा ॥ ४६ । अचरीम के इस पर्वत पर नबू पहाड़ी पर मो अब के देश में जा बरीह के साम्ने है चढ़ जा और कनान देश को देख जिसे मैं इमराएल के सन्तान को अधिकार में देता हं॥ ५। और उसी पहाड़ी पर जिन पर तू जाता है मर जा और अपने लोगों में बटुर जा जैसे नेरा भाई हारून हर पहाड़ पर मर गया और अपने लोगों में बटुर गया ॥ ५१। इस कारण कि तुम्हों ने दूसराएल के सन्तान के मध्य कादिश के झगड़े के पानी पर सौन के अरण्य में मेरा अपराध किया क्योंकि तुम ने इसराएल के सन्तान के मध्य में भुझे पवित्र न किया। ५२ । तथापि तू भागे के देश को देख लेगा परंतु जेा देश मैं इसराएल के संन्तानों को देता हूं तू उस में न जायगा। ३३ नसबा पद। पर यह वुह बाशीष है जिससे ईश्वर के जग मूसा ने अपने मरने से आगे इमराएल के मन्नानो को आशिष दिया ॥ २। और कहा कि परमेम्पर सोना से अाया और शोर से प्रगट हुआ और फारान पहाड़ से उन पर चमक उठा और बुह दस स हस सिड के साथ श्राया उस के दहिने हाथ से एक भाग की व्यवस्था उनके लिये निकलौ। ३। हां उस ने लोगों से प्रेम किया उस के ममत्त सिद्ध तेरे हाथ में और वै तेरे चरणों के पास बैठ गये और तेरी बातों से पावगे । ४ । भूसा ने हम से अर्थात् यअकब की मंडली के अधिकार के लिये एक ब्यवस्था कही॥ ५। और जब लोगों के प्रधान इसरारस को गोष्ठी एकट्ट थे वुह यशरून का राजा था। ६ । रूबिन जीधे बैर न मरे और उसके जन बेड़े न है॥ ७। और यहूदाह के लिये उस ने कहा कि हे परमे- श्वर यहूदाह का शब्द सुन और उसे उस के लोगों में पहुंचा उस के हाथ उम के लिये बहुत हाय पार न वैरियां से सहायक हो । ८। और उस ने लाबी के विषय में कहा कि तेरा तमोम और तेरा बैरोम तेरे धर्ममय के साथ होवे जिसे ने ममः में परखा और जिन के साथ तू मरीवः के पानीयों पर झगड़ा। जिस ने अपनी माता पिता से