पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/४२९

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को पुस्तक ४२१ १२। परंतु रात दिन उस में ध्यान कर जिसने तू सोच के जो कुछ उस में लिखा है माने क्योंकि तब तू अपने मार्ग में भाग्यमान होगा और तेरा कार्य धन्य होगा। <। क्या मैं ने तुझ अाज्ञा न किई कि बलवंत हो और मुसाहस कर मत डर और मत घबरा क्योंकि परमेश्वर तेरा ईश्वर जहां जहां तू जाता है तेरे साथ है। १० । तब यह सूत्र ने लोगों के अध्यक्षों को प्रान्जा करके कहा॥ ११॥ किनम सेना में से होके जायो और लोगों को आज्ञा करके कहा कि अपने लिये भाजन सिडू करें क्योंकि तीन दिन के भीतर तुम इस यरदन पार उतरोगे जिसने उन भूमि के जो परमेश्वर तुम्हारा ईश्वर तुम्हें देता है अधिकारी होओ। और रूविनियों और जहियों को और मुनस्सी की आधी गोष्ठी को यहसूत्र कहके बोला ॥ १३ । कि जो बात परमेश्वर के सेवक मूसा ने तुम्हें कही यी चेत करो कि परमेश्वर तुम्हारे ईश्वर ने तुम्ह विश्राम दिया है और वह देश तुम्हें दिया है। १४ । तुम्हारी पनियां तुम्हारे बालक और तुम्हारे ढोर इस देश में रहेंगे जो मूमा ने यरदन के इस पार तुम्हें दिया है परंतु तुम लेग अथीर समस्त बीर अपने भाइयों के आगे आगे हथियार बांध के चला और उनकी सहायता करो। ९५ । जब लो परमेश्वर तुम्हारी नाई तुम्हारे भाइयों को चैन देवे और वे भी उस भूमि के जो परमेश्वर तुम्हारा ईश्वर उन्हें देना है अधिकारी हाय तब तुम उस देश में जो तुम्हारा अधिकार है और परमेश्वर के सेवक ममा ने यरट्न के इसी पार पूर्व दिशा में तुम्हें दिया है फिर भाइयो और उसे अधिकार कौजियो। १६ । तब उन्हों ने यहसूत्र के उत्तर दिया कि जो जो तू ने हमें कहा से सो हम मानेंगे और जहां जहां हमें भेजेगा हम जावेग। १७। जिस रीति से हम ने मूसा की सब बातें मानौं उसी रीति से तेरी सब मानेगे के बल परमेश्वर नेरा ईश्वर जिस रीति से मसा के साथ था तेरे साथ भी रहे॥१८। जो कोई तेरी अाजर को न माने और तेरी मारी बातों को जो तू कहे न सुनेगा से मार डाला नायगा केवरा बलवंत हो और सुसाहस कर॥