पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/४३२

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४२४ पहसूत्र उन्हों ने यहूसूत्र से कहा कि निश्चय परमेश्वर ने यह समस्त देश हमारे वश में कर दिया और देश के समस्त बासी हमारे कारण गल गये । ३ तीसरा पर्व। ता ब यहस्य बड़े तड़के उठा और सन्तौन से यात्रा किई वुह और समस्त इभराएल के संतान यरदन पर पहुंचे और पार उतरने से भागे वहां डेरा किया॥ २। और यां या कि तीन दिन के पीछे अध्यक्ष सेना में होके गये। ३। और लोगो को प्राज्ञा करके कहा कि जब तुम परमेश्वर अपने ईश्वर को साक्षी की मंजूषा को लावी याजक को उठाते हुए देखा तब तुम अपने स्थान से यात्रा करो और उस के पीछे पीछे चलो ॥ ४। परंतु तुम्हारे और उस के मध्य में दो सहस्त्र हाथ का अंतर रहे और उस के पास मत याओ जिसतं जिस मार्ग से तुम्हें जाना है तुम पहिचानो क्या कि तुम इस मार्ग से झाज कल नहीं गये ॥ ५। और यहसूत्र ने लोगों से कहा कि अपने को शुट करो क्योंकि कल परमेअर तुम्हारे मध्य में प्रार्थं दिखावेगा। ६। फिर यज्ञसूत्र याजकों को कहके बोला कि साक्षी की मंजूषा को उठाओ और लोगों के आगे आगे पार उतरो सो उन्हों ने साक्षी की मंजषा को उठाया और लोगों के आगे धागे चले ॥ ७। तब परमेश्वर ने यहसूत्र से कहा कि अाज के दिन से मैं समस्त इसराएल की दृष्टि में तुझ महान बनाना आरंभ करूंगाजिसत वे जानें कि जिस रीति से मैं: के साथ था तेरे साथ हंगा॥ ८। और तू उन याजकों से जो साक्षी की मंजूषा को उठाते हैं कहियो कि जब तुम यरटन के जल के तौर पर पहुंचा तत्र घरदन में खड़े रहियो॥ । सो यहसूत्र ने इसराएल के संतानों से कहा कि इधर याओ और परमेश्वर अपने इश्वर की बातें सुनो॥ १.। और यहून ने कहा कि अब इझे तुम जानोगे कि जोवता ईश्वर तुम्हां में है और वह कनाभियों और हिनियां और हवियों और फरि- ज्जियां और अभूरियां और यड़ियों को तुम्हारे नागे से हांक देगा। ११। देखा समस्त प्रथिवी के परमेश्वर को साक्षी की मंजषा तुम्हारे श्रा श्रागे घरदन के पार जानी है। १२। से अब तुम बारह जन