पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/४३३

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

की पुस्तका ४२५ ४ पद] इसरारन को गोपियों में से हर एक गोडी पीछे एक मनुष्य लेखो। २३। और ऐसा होगा कि ज्यांहो याजक के पांच के तलवे जो परमेश्वर समस्त एथिवी के प्रभु को साक्षी की मंजूघा उठाते हैं यरदन के जल में उहर त्याही परदन के पानी जा ऊपर से वहते हैं थम जायगे और ढेर हो रहेंगे। १४ । और ऐसा हुआ कि जब लोग अपने डेरे से चल निकले कि यरदन पार जावें और याजकों ने लोगों के आगे साक्षी की मंजूषा को उठाया॥ १५ । और ज्यां वे जो मजघा को उठाये हुए थे यरदन लां पहुंच और उन याजकों के पांव जो मंजघा को उठाये हुए थे तौर के पानी में डूबे [ क्योंकि लवनी के समय में यरदन अपने समस्त कड़ारों के ऊपर बहती है ] ॥ १६। तो जल जो ऊपर से आये ठहर गये और ढेर हाके अादम नगर से बहुत दूर उभड़े ना जरतान के पास है और जो समुद्र के चौगान की ओर बहिआये अर्थात् खारी समुद्र के घट गये और अलग किये गये और लोग यरीह के सन्मुख पार उतर गये ॥ १७। और याजक जा परमेश्वर की बाचा को मंजघा को लिये हुए थे दृढ़ता से सूखौ भमि पर यरदन नदी में खड़े रहे और समस्त इसराएली सुखी भूमि पर पार उतर गये यहां लो कि समस्त लोग निधार पार उतर चुके । ४ चौथा पर्च। र यों हुआ कि जब सारे लोग यरदन पार उतर चुके तब परमेश्वर यहूसू से कहके बोला ॥ २। कि लोगों में से बारह मनुष्य लेगे। हर एक गोष्टी में से एक मनुष्य ॥ ३। और उन्हें अाज्ञा करके कहा कि अपने लिये यरदन के बीचोंबीच में से उस स्थान से जहां याजकों के पांव दृढ़ खड़े रहे वारह पत्थर ले और उन्हें अपने माथ पार ले जाया और उन्हें निवास स्थान में जहां तुम आज रात निवास करोगे घरो॥ ४ | तब यहूटूथ ने बारह मनु य्यां को जिन्हें उस ने इमराएल के संतानों में से सिद्ध किया था बुलाया हर एक गोष्ठी पीके एक एक मनुष्य ॥ ५ । और यहूनू ने उन्हें कहा कि अपने ईश्वर परमेश्वर को मंजूषा के आगे पार उतर के यरदन के बीचोबोच जाओ [A. B.S.] और 54