पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/४३५

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५ पर्म] की पुसाक। ४२७ मंजूषा उठाये हुए थे यरदन के बीच में से बाहर आये और याजको के पांब के नलवे मूखी भूमि पर निकल आये त्यांही यरदन के पानी अपने स्थानों में फिर आये और आगे के समान अपने सब कड़ारों पर बहने लगे। १६ । और मंडली पहिले मास की इसी तिथि को यरदन से निकली और यरीहू के पूर्व मिवाने में जिलजाल में काबनी किई॥ २० । और यहूमून ने उन बारह पत्थरों को जो यरदन से उठाये गये थे जिलजाल में खड़ा किया । और दूसराएल के संतानों से कहा कि जब तुम्हारे लड़के आगमी काल में अपने पितरों से पूछे कि ये पन्यर कैसे हैं ॥ २२ । तो तुम अपने लड़कों को बतलाके कहियो कि इसराएली इस यरदन से सूखी भमि से पार आये॥ २३ । क्यांकि परमेश्वर तुम्हारे ईश्वर ने यरदन के पानियां को तुम्हारे आगे सुखा दिया जब लो तुम पार हो गये जैसा परमेश्वर तुम्हारे ईश्वर ने लाल समुद्र को किया था जिसे उस ने हमारे आगे सुखा दिया जब लों हम पार उतर गये। २४। जिसने समस्त पृथिवी के लेाग जानें कि परमेश्वर का हाथ सामों है जिसने तुम परमेश्वर अपने ईश्वर से मदा डरा करो। ५ पाचवां पई। और र ऐसा हुआ कि जब अमरियों के सारे राजाओं ने जो यरदन के इस पार पश्चिम दिशा में थे और कनानियों के समस्त राजे ने जो समुद्र के तौर पर थे सुना कि परमेश्वर ने इसराएल के संतानों के आगे यरदन के पानियों को सुखा दिया यहां लो कि वे पार उत्तर गये तो उन के मन घट गय और इसराएल के सन्तान के कारण उन के जी में जी न रहा। २। उस समय परमेश्वर ने यहा से कहा कि चाखी करी बना और दूसराएल के संतानों का खतनः फेर कर॥ ३ । और यहूमूत्र ने चाखौ कूरियां बनाई और खड़ियों के टीले पर दूसराएल के संतानों का खतनः किया। ४। और यहसूत्र ने जो खतनः किया उस का कारण यह है कि सारे लोग जो मिन से निकन