पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/४३६

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४२८ यहसूत्र [५ पचे प्राये थे अर्थात् समस्त योडा पुरुष अरण्य के मार्ग में मर गये ॥ सो सब लोग जो बाहर आये खनन किये गये पर वे सब जर मिस से निकलने के पीछे अरण्य के मार्ग में उत्पन्न हुए थे उन का खतना न हुया था। ६। दूम लिये कि इसराएल के संतान चालीस बरस अरण्य में फिरते रहे यहां लो कि सारे याला जो मिस से बाहर आये नष्ट हुए क्यांकि उन्होंने परमेश्वर के शब्द को न माना जिन से परमेश्वर ने किरिया खाई थी कि मैं तुम्ह वह देश न दिखलाऊंगा जिस के कारण मैं ने तुम्हारे पितरों से किरिया खावो कहा कि मैं तुम्हें वुह देश देजंगा जिस में दूध और मध वहता है। ७। और उन के संतानों ने जिन्हें उस ने उन की संती उठाया यह सूत्र ने उन का खतनः किया क्योंकि वे अखतनः थे इस कारण कि उन्हों ने मार्ग में खतनः न करवाया ॥ ८। और एमा हुअा कि जब वे खतनः करवा चुके तब वे छावनी में अपने अपने स्थान में रहे जब लो वे चगे हुए हाफिर परमेम्बर ने यहूसूत्र से कहा कि आज के दिन मैं ने मिस्र के अपमान को तुम पर से उठा दिया इस लिये बुह स्थान आज के दिन लो जिलजाल कहावता है॥ १० ॥ सो इसराएल के संतानों ने जिलजाल में डेरा किया और उन्होंने यरीहू के चौगान में मास की चौदहवीं तिथि में मांग को पार जाने का पर्व रक्खा। ११। और उन्हों ने बिहान को उसी दिन पार जाने के पर्व के पीछे उस देश के पुराने अन्न के छखमौरी फुल के और भुना खाया। जब उन्हों ने उस देश के पुराने अन्न साये उसी दिन से मन्न बरसभा घम गया और इसराएल के संतानों के लिये मन्न न था और उन्हों ने उसौ वरस कनान के देश की बढ़ती खाई॥ १३ । और ऐसा हुआ कि जब यहसू यरी के पास था तो उस ने अपनी आंख ऊपर किई और देखा कि उस के साम्न एक मनुष्य तलवार हाथ में बैंचे हुए खड़ा है तब यह सूत्र उस पाम गया और उसे कहा कि तू हमारी और अथवा हमारे शवन की ओर है। ९४ । वुह बोला नहीं परंतु मैं अभी परमेश्वर की सेना का अध्यक्ष होके आया हूं तब यह सूत्र भमि पर बांधा गिरा और दंडवत किई और उसे कहा कि मेरे प्रभु अपने सेवक को क्या प्राज्ञा करता है। १५ । तब परमेश्वर की सेना के अध्यक्ष ने यहसूत्र १२। और