पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/४४२

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यहसूत्र [८ पर्ब ८ आठवां पढ़। ब परमेश्वर ने यहस्य से कहा कि मत डर और भय मत कर सारे योद्धाओं को साथ ले और उठ और अई पर चढ़ जा देख मैं ने अई के राजा र उम के लोग और उस के नगर और उस के देश को तेरे हाथ में कर दिया है। २। और तू अई से और उस के राजा से बही कीजियो जोट ने यरीह से और उस के राजा से किया केवल वहां का धन धार दोर तुम अपने लिये लूट लीजियो नगर के पीछे से घात में बैठियो। ३ । सो यहसूज और सारे याड्डा उठे जिमते अई पर चढ़ें और यहसूत्र ने तीस सहन महावीर चुन लिये और रात को उन्हें भेज दिया। ४। और उन्हें माना करके कहा कि देखा तुम नगर के पिछवाड़े घात में वैठिया नगर से बहुत दूर मत जाइयो परंतु सब लैस हो रहो॥ ५। और में अपने संगी लोगों को लेके नगर को और बढुंगा र ऐसा होगा कि जब वे हमारा साम्बा करेंगे तब हम आगे की नाई उन के आगे से भागेमे ॥ ६। क्योंकि वे हमारा पीछा करगे यहां लो कि हम उन्हें नगर से खेंच ले जायें क्योंकि वे कहेंगे कि वे आगे की नाई हमारे आगे से भागते हैं इस लिये हम उन के धागे से भागेंगे ।। ७॥ तब तुम बात से उठियो और नगर को ले लीजियो क्यांकि परमेश्वर तुम्हारा ईश्वर उसे तुम्हारे हाथ में सौप देगा। ८ । र यों होगा कि जब तुम नगर का लेगे तब नगर में भाग लगाइयो और परमेश्वर की प्राज्ञा के समान कौजियो देखो मैं ने तुम्हें आज्ञा किई है । स यहसूत्र ने उन्हें भेज दिया और वे घान में बैठने गये और बैनरेल और अई के मध्य में अई की पश्चिम र रहे परंतु यह उसी रात लोगों में रहा। १०। और यहूर बिहान को उठके लोगों को गिना और वुह इसराएल के प्राचीन लोगों के आगे होके अई पर चढ़ गया । ११। और समस्त योद्धा जो उस के साथ थे चढ़े और पाम आये और नगर के आगे पहुंचे और अई की उत्तर अलंग डेरे किये और उन में अौर शुई में एक नौचाई यौ॥ १२। तब उस ने पांच सहस्र मनुष्य के लगभग निये और उन्हें वैतऐल और पई के मध्य में नगर की पश्चिम