पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/४४९

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२. पर्व को पतक । ४४१ के संतान उन्हें नाश कर चुके और वडो मार से उन्हें बात किया यहां लो कि वे नष्ट हुए उन में के उबरे हुए बाड़े के मगरों में पेठ गये ॥ २१ ॥ चौर सारे लोग मुकेंदः को छावनी में यहूम पाम कुशल से फिर आये चार दूसराएल के ससानों के विरोध में किपी ने मंह न खोला ॥ २२। तब यह मन्त्र ने कहा कि कंदला के मुंह को खाले और उन पांवों राजाओं को कंदना से मुझ पास बाहर ला॥ २३ । और उन्हों ने ऐसा ही किया और उन पांचा राजायों को अर्थात् यरूमलम के राजा को और हबरून के राजा को और यरमन के राजा का और लकीस के राजा को और इजलन के राजा को कंदला से उस पास निकाल लाये॥ २४। और यों हुआ कि जब वे लन राजाओं को यह सत्र के श्रागे लाये तब यहूसत्र ने इसराएल के सारे मनुष्यों को बुलाया और अपने साथ के योवा के प्रधानों से कहा कि अागे बायो इन राजायों के गलों पर पांव रक्खो तब वे पास आय शोर उन के गले पर पांच रक्ख ॥ २५ । तब यह अ ने उन्हें कहा कि डरो मत और विस्मित मत हे। और प्रबस हो केहियाव करो क्या कि परमेश्वर तुम्हारे समस्त शत्रुन से जिन से लड़ागे एना हो करेगा॥ २६ । और उस के पीछे यह पत्र ने उन्हें मारा और घात किया और उन्हांच पेड़ पर लटका दिया और ये सामा ला पेड़ां पर लटके रहे॥ २७। और सूर्य अस्त होने पर ये हुया कि उन्हों ने यहा की आज्ञा से उन्ह पेड़ों पर से उतारा और उसी कंदला में जिस में वे जाकिपे थे डाल दिया और केदला के मुंह पर वह बड़े प्रत्यल दल काये से। आज के दिन लों है। २८ । और उसो दिन यहम् ने मुकेदः को ले लिया और उसे और उस के राजा को और उस में के सारे प्राणियों को तलवार की धार से नाश क्रिया और किसी को न छोड़ा उन ने म केदः के राजा से वही किया जो उप्त ने यरोहा के राजा से किया था। २६ । तब यह सारे इसराए म महित मुकदः से लिबनः को गया और लिवनः से लड़ा ॥ ३.। और परमेश्वर ने उसे भी उस के राजा सगेत इसराएल के हाथ में कर दिया और उस ने उसे और उस में के समस्त प्रा एयों को तलवार की धार से नाश किया उस ने उस में एक भी न छोड़ा. परंतु यहां के राजा से उम ने वही किया जो यहो के राजा से किया A. RS.] 56