पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/४५०

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था ॥ ४४२ यहमू. [१० पळ ३१ । फिर लिबनः से यह सूत्र सारे इमराएल ममेत लकीस को गया और उम के आगे छावनौ किई और जो लड़ा ३२। और परमेश्वर ने लकौस को इसराएल के हाथ में कर दिया उस ने दूसरे दिन उसे ले लिया और उसे और उम में के सारे प्राणियां को तलवार की धार से नाश किया जैसा कि उस ने लिबनः से किया था। ३३। तब जज़र का राजा हारम लकीस की सहायता को चढ़ आया पर यहसूत्र ने उसे और उस के लोगों को यहां लो मारा कि एक भी न बचा॥ ३४ । और यहसूज लकीस से सारे इसराएल समेत इजलन को गया और टम के साम्न छावनी किई और उम्मे लड़ा। ३५ । और उसी दिन उसे ले लिया और उसे तलवार की धार से भारा और उस में के समस्त प्राणियों को सर्वथा नाश किया जैसा कि उस ने लकीम से किया था। ३६ । फिर दूजलून से यहसून सारे इसराएल समेत हबरुन को गया और उसे लड़ा॥ ३७॥ और उसे लिया और उसे और उस के राजा को और उम के समस्त नगरों को और उस में के समस्त प्राणियों को तलवार की धार से मार डाला जैसा उम ने इजलून से किया था उस में एक को. भी न छोड़ा परंत उसे और उस में के सारे प्राणियों को सर्वथा नाश किया ॥ २८ । यहसूअ सारे इसराएल सहित वहां से दवीर को फिरा और उस्मे लड़ा॥ ३९ । और उसे और उस के राजा और उस के सारे नगरों को ले लिया और उन्हें तलवार की धार से मार डाला और उस में के समस्त प्राणियों को सर्वथा नाश किया उम ने एक को भी न छोड़ा जैसा उस ने हबरून से और लिवन से भी किया था वैसा ही दबौर से और उस के राजा से किया॥ ४. । सो यह मूत्र ने पहाड़ों के और दक्षिण की और तराई के और सोतों के दशां को और उन के राजाओं को मारा उस ने एक को न छोड़ा परंतु समस्त वासियों को सर्बया नाश किया जैमौ कि परमेश्वर दूसराएल के ईश्वर ने श्राज्ञा किई थी॥ ४१। और यह मूत्र ने कादिसबरनौज से ले के अज्ज ले और जन के सारे देश को जिबअन लो मार डाला ॥ यसूत्र ने उन सब राजाओं को और उन के देश को एक हौ ममय में ले लिया इस कारण कि परमेश्वर इमराएल का ईम्बर ४२ । और