पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/४५१

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११ पच्चे की पस्तका इसराएल के लिये लड़ा उस के पीछे यहूसूअ सारे इमराएल सहित जिलजाल की कावनौ को फिर आया। और ११ ग्यारहवां पद र यो हुआ कि जब हसूर के राजा यबीन ने सुना तो उस ने मदून के राजा यूबाब और शमरून के राजा और इकशाफ के राजा को। २। और उन राजाओं को जो पहाड़ में उत्तर दिशा को और किनारात को दक्षिण दिशा के चौगान को और तराई में और दोर के सिवाने पश्चिम में ॥ ३। और पर्व और पश्चिम में कनानियों को और अमरियों और हिनियां और फरिजियां और यसिया को पर्वतों में और हञ्चियों को जो हरमून के नीचे मिसफर में थे कहला भज्ञा॥ ४। तब वे अपनी मब सेना समेत बहुत लोग हा समुद्र के तौर की बाल के समान मंडली में घाड़े और बहुत से रथों के माथ बाहर निकले ॥ ५। और जब ये समस्त राजा ठहराके एकडे निकले तब उन्होंने मेरोम के पानियों पर एकट्ठ छावनी किई जिसने इसराएल से ६। तब परमेश्वर ने यहूसूत्र से कहा कि उन से मत डर दूस कारण कि कल इसी समय उन सभी को इसराएल के नागे मारके डाल देऊंगा तू उन के घाड़ों के पट्ठों की नस काटना और उन के रथों को आग से जला देना॥ ७। सो यहसूत्र और सारे लड़ांके लोग मेरोम के पानियों पास अचानक उन पर आ गिरे॥ ८। और परमेश्वर ने उन्हें दूसराएन के हाथ में मौप दिया और उन्हों ने उन्हें मारा और बड़े मैदा और मिस रेफोट माइन और पूर्व में मिसफः की तराई तो उन्हें रगेदा और यहां ले मारा कि एक भी न बचा ॥ । । और यहसूत्र ने परमेश्वर की अरज्ञा के समान उन के घोड़ों के पट्टों को नस काटौं और उन के रथ जलाय । १०। फिर यह उसी समय फिरा और हसर को ले लिया और उस के राजा को तलवार से मारा क्योंकि अगले समय में हसूर ममस्त राज्यों से श्रेष्ठ था । ११ । और उन्हों ने समस्त माणियों को जो वहां थे तलवार की धार मे मारके मर्वथा नाश किया वहां एक भी खास धारौ लड़ें।