पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/४५२

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४४४ यहसूत्र (११ पर्च न बचा और उप्त ने हमर को आग से जला दिया॥ १२ । और यहसूज ने उन राजाओं के सारे नगरों को और उन नगरों के सारे राजायों को लिया और उन्हें तलवार से मारके सथा नाश किया जैसी कि परमेसर के सेवक ममा ने आज्ञा किई थो। १३ । परंतु हसर को छोड़ उन नगरों को जो अपने टोलों पर थे इमराएल के संतान ने न जलाया॥ १। और इन नगरों की सारी सट और ढार को इसराएल के संतान ने अपने लिये रक्या परंतु हर एक जन को तलयार को धार से मार डाला यहां ला कि उन्ह नाश कर दिया कि एक को भी खास लेने कोन हाडा। १५ । जैसी कि परमेश्वर ने अपने दाम मप्ता को आज्ञा किई थी वैसी ही मसा ने यहसूत्र की आज्ञा क्रिई. और यह सूत्र ने वैसा ही किया उत्त ने उन वस्तुन में जा परमेश्वर ने मूसा कर अाज्ञा किई धौ एक को भी बिन करे अधडान काड़ा ॥ ९६ : से यहसूत्र ने उप्त सारे देश और पर्वतों को और दक्षिण के समस्त देश और जश्न की समस्त भूमि और नराई और चौगान और दूसराएल के पहाड़ और उस की तराई को लिया ॥ १७॥ चिकने पहाड़ से जा शबीर की ओर चढ़ता है वालगाट लो जो लुबनान की तराई में हरमून पहाड़ के नीचे है ले लिया और उस ने उन के सारे राजायों को लिया और उन्हें मारा और नाश किया। २८ । और यहस्थ उन समस्त राजा से बहुत दिन लों लड़ा किया ॥ १६ । हवियों को छोड़ जो जिवन के वासी थे कोई नगर न था जिप ने दूसराएल के संतान से मिलाप किया हो परंतु सब को उन्होंने लड़ाई में लिया । २० ! क्योंकि यह परमेश्वर की ओर से था कि उन के मन को कठोर करे जिसमें वे दूसराएल के संतान से लड़ें और जिलते युह उन्हें सर्वथा नाश करे और जिसंत उन पर दया न होवे परंतु जिसने वह उन्हें नाश करे औमौ कि परमेश्वर ने मूसा को श्राज्ञा किई यो॥ २१ । और उसो समय यहसूत्र ने अनाकियों को पहाड़ों से नाश किया और हवरून से और दबौर से और अनाब से यह्नदाह के सारे पहाड़ों से और इसराएन्न के सारे पहाड़ों से यह ने उन्हें उम के नगरों सहित सबैथा नाश किया ॥ २२ । से अनाकियों में से इसराएल के संतानों के देश में कोई न बचा परंतु केवल अजः