a [१६ पर्व ३८। और ४.1 यहस्त्र ३५। और सिद्दौन और सूर और हमात और रकत और किनारात ये वाड़ित नगर हैं। ३६। और अदाम और रामा और हसूर ३७॥ और काहिस और अट्रिअई चौर एनहसर । इरयन और मजदिएल हरीम और तनात और बैनशाश उनीस नगर उन के गाव सहित ॥ ३६। ये नगर और उन के गांव नफताली के संतान की गोली का अधिकार उन के घरानों के समान था। और सातौं चिट्ठी दान के संतान की गोष्ठी के घरानों के समान निकली ॥ ४१। और उन के अधिकार के भिवाने सुरथा और इशताल और ई रिशम्म थे॥ ४२। गौर सलबीन और ऐयलून और इतलाह। ४३ । और ऐलू न और नमनात और अकरून ॥ ४४। और इलतको और जिबतून और बअलान॥ ४५ । और यिद और बनीघरक और जअतरूम्मान । ४६ । और मेयरकन और रक्कन उस सिवाने समेत जायाफा के सन्मुख है। ४७। चार दान के संतान का सिवाना निकसा बुह उम के लिये घोड़ा था इस लिये दान के संतान तसिभ से लड़ने को चढ़ गये और उसे ले लिया और उसे तलधार की धार से मार डाला और उसे वश में कर लिया और उस में बसे और लसिम का नाम दान रक्खा जो उन के पिता का नाम था। ४८। ये सब नगर जन के गांवों समेत दान के संतान की गोष्ठी का भाग था। ४९ । जब उन्हों ने अधिकार के लिये अपने सिवानों के समान देश का बांटना समाप्त किया नब इसराएल के संतान ने 'नून के बेटे यहसूत्र को अपने मध्य में अधिकार दिया । ५. उस ने निमनत सिरह का नगर जो इफरायम के पहाड़ में है मांगा सो उन्हों ने परमेश्वर के वचन के समान उसे दिया और उम् ने उस नगर को बनाया और उस में ५१। ये वे अधिकार हैं जिन्हें इलिअजर याजक ने ने और इमराएल के संतान की गोष्ठियों के पितरों के प्रधानों ने चिट्ठी डाल के सैला में परमेश्वर के आगे मंडली के तंबू के द्वार पर अधिकार के लिये बांट दिया से। उन्हों ने देश का बारना समाप्त किया। जा बसा। के बेटे यहमत्र