पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/४७५

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अकेला ही अपनी बुराई से नाश न हुया ॥ २१। तब रूबिन के संतान और जद के संतान और मुनरणी को श्राधी गोष्ठी ने इसराएलियों के सहसा के प्रधानों को उत्तर देके कहा ॥ २२। कि परमेश्वर ईश्वरों का ईश्वर परमेश्वर ईश्वरों का ईश्वर ही जानता है और इसराएली भी जानेगा कि यदि फिर जाने में अथवा परमेश्वर के विरोध करने में यह किया तो हमें आज के दिन मत छोड़॥ २३ । अथवा हम ने बेदी बनाई जिसने परमेश्वर को सेवा से फिरें अथवा उस पर होम की भेट अथवा भोजन की भेंट अथवा कुशल की भेंट चढ़ावें तो परमेश्वर ही विचार करे॥ २४ । और यदि हम ने उस भय से यह कहके किया है कि अागे को त हारा वंश हमारे बंश को कहके बोले कि तम्ह परमेश्वर इमराएल के ईश्वर से क्या काम ॥ २५ । क्योंकि परमेश्वर ने हमारे और तुम्हारे मध्य में यरदन की मेड़ बांधौ से हे रूविन के संवान और जद के संतान परमेश्वर में तुम्हारा भाग नहीं से तुम्हारा बंश हमारे यंश को परमेश्वर के भय से फेर देवे॥ २६ । इस लिये हम ने कहा कि श्राओ हम अपने लिये एक बेदी बनावें कुछ होम को भेंटों के और बनिदान के लिये नहीं ॥ २७॥ परंतु इस लिये कि यह हमारे तुम्हारे मध्य में और हमारे पीछे हमारी पौढ़ियों के मध्य में एक साक्षी होवे जिप हम परमेश्वर के आगे अपनी होम की भेटों से और बलिदानों से और अपने कुशल के यलिदानों से परमेश्वर की सेवा कर जिमते आगे को नन्हारे बंश हमारे बंश को न कहें कि परमेश्रार में तुम्हारा भाग नहीं ॥ २८। इस लिये हम ने कहा कि ऐसा होगा कि जब वे हमें अथवा हमारे बंश को आगमी काल में कहें तब हम उन्हें उन्नर दंगे कि देखा परमेश्वर को बेदी का ढोल जिमे हमारे पितरों ने बनाया कुछ होम की भट और मनौती को भेट के लिये नहीं परंत इस लिय कि हमारे तुम्हारे मध्य में साक्षी रहे॥ २६॥ ईश्वर न करे कि हम परमेश्वर से फिर जायं और आज परमेश्वर से फिर के परमेश्वर अपने ईपर को बेदी को छोड़ें जो उम के तंब के मान्न है और होम को भेटें और भोजन की भेंट और बलिदान के लिये एक बंदी बनावें ॥ ३० । जब फीनिहाप्स याजक और मंडली के अध्यक्ष और दूसराएल के सहस्रों के प्रधानों ने