पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/४८४

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२२पर्व १७६ न्याधियाँ यहां लो कि उन्हें करदायक किया ॥ ३६ । और अमरियों का सिवाना प्रक्रबिम की चढ़ाई से पहाड़ के ऊपर ले था। २ दूसरा पर्व । ब परमेश्वर के दूत ने जिलजाल से बाकीम को आके कहा कि मैं से के से किरिया खाई थी ले आया और मैं ने कहा कि में तुम से कभी अपनी बाच न नोडूंगा। २। और तुम इस देश के वामियों के साथ बाचा न बांधियो तुम उन की वेदियों को हाइयो परंतु तुम ने मेरे शब्द को न माना तम ने ऐसा क्यों किया ॥ ३। इसी कारण मैं ने भी कहा कि में उन्हें तुम्हारे आगे से दूर न करूंगा परंतु वे तुम्हारे पांजरों में कांटे और उन के देवते तुम्हारे लिये फटे होंगे। और ऐसा हुआ कि जब परमेश्वर के दूत ने सारे इसराएल के संतान को ये बातें कहीं तो उन्हों ने बड़े शब्द से बिलाप किया। ५। और उन्हों ने उस स्थान का नाम बाकौम रक्खा और उन्हों ने वहां परमेश्वर के लिये बलि चढ़ाया। ६। और जब कि यह सूत्र ने लोगों को विदा किया था तब इमराएन्न के संतान में से हरएक अपने अपने अधिकार पर गया जिमने उम देश को वश में करे॥ ७॥ गौर वे लेग परमेश्वर की सेवा करते थे यह सूत्र के जीवन भर और उन प्राचीनों के जीवन भर जो यहसून के पीछे रहने थे जिन्हों ने परमेश्वर का समस्त बड़ा कार्य देखा जिसे उस ने इसराएल के लिये किया परमेश्वर की सेवा करते रहे। ८। और परमेश्वर का दास नून का बेटा यहसूअ एक मे दस बरस का सृड्डू होके मर गया। और उन्होंने इस के अधिकार के सिवाने निममतहरिस में इफरायम के पहाड़ में जो जनश के महाड़ को उत्तर अलंग है उसे १.। और वही समस्त पीढ़ी भी अपने पितरों में जा मिली और उन के पीछे दूसरी पीढ़ो उठी जिस ने परमेश्वर को और उन कार्यों को जो उस ने दूसराएल के लिये किये थे नहीं पहिचाना ॥ ११॥ तब इसराएल के संतान ने परमेश्वर के आरो बुराई किई और अलीम की सेवा किई॥ १२। और अपने पितरो के परमेश्वर ईश्वर को जो गाड़ा।