पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/४८७

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की पुस्तक । हुना ॥ ११॥ और देश को चालीस वरस ला चैन हुआ और कनज का बेटा श्रमिएल मर गया । १२। फिर इसराएल के संतान ने परमेश्वर की दृष्टि में बराई किई नय परमेश्वर ने मेअिब के राजा इजलन को इमराएल पर प्रबल किया इस कारण कि उन्होंने परमेश्वर की दृष्टि में बुराई किई॥ १३ । और उस ने अम्मन के और अमालीक के संतान को अपने पास एकट्ठा किया और जाके दूसराएल को मारा और खजर पेड़ों के मगर को वश में किया। १४ । सेो इसराएल के संतान मोब के राजा इजलन की सेवा अठारह बरस लेां करते रहे। १५। परंतु जब इमराएल के संतान परमेश्वर के आग चिल्लाये तब परमेश्वर ने एक बिनयमौनी जैरा के बेटे अहूद को जो हथा था उन के छुड़ाने के लिये उभाड़ा और दूसराएल के संतान ने उस के द्वारा से मो अब के राजा इजलून के लिये भेट भेजो। १६। परंतु अहद ने हाथ भर का दोधारा खंजर बनाया और उसे अपने दाहनी जांच में बस्ता के तले बांधा। १७ और वह मेअिब के राजा इजलन के पास भेट लाया और इजलून बड़ा मेटा जन था॥ १८। और जब बुह भेट दे चुका नब उस ने उन लोगों को जा भट लाये घे विदा किया। १६। परंतु बुह अप उन मर्ति स्थान के पास से जो जिल जाल में हैं लोरा और कहा कि हे राजा मेरे पास तेरे लिय एक गुप्त संदेश है और उस ने कहा कि चुपके रह तब जितने लोग पाम खड़े थे बाहर निकल गय॥ २० ॥ तब अहूद उम पास वाया और बुह एका ठंडे 'स्थान में जे. उस ने अपने लिये बनाया था अकेला बैठा था और अहूर ने कहा कि ईश्वर का संदेश आप के लिये मुझ पास है तब वह अासन पर से उठ खड़ा हुआ । २१। तब अहद ने अपना बायां हाथ बढ़ावा और दहिनी जांच पर से खंजर का लिया और उस की ताद में गोद दिया ॥ २२॥ और मठ भो फल के पीछे पट गई और चिकनाई से फ न ]म गया यहां ले कि वह खंजर को उस की नदि से निकान न सका और मल निकल पड़ा।। २३ । तव अहद ओमारे में बाहर निकला और अपने पीछे ऊंचे स्थान के द्वारों को खेंच लिया और उन्हें बंद किया । २४ । र वह बाहर निकल गया तब उस के सेवक आये और उन्हों ने ऊंचे स्थान के द्वार को बंद देख