पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/४९१

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४६ ढाल अथवा एकभाला था। धन्य मानो। ५ पब्बे] की पुस्तक परमेश्वर के आगे बहि गये अर्थात् यह सौना परमेश्वर दूसराएल के ईश्वर के आगे ६। अनात के बेटे शमजर के दिनों में याइल के समय में राजमार्ग सूने थे और पथिक टेढ़े मार्गों से जाते थे। गांद रह गये वे इसराएल में से उठ गये जव ला कि मैं दबूरः न उठी कि में इमराएन में एक माता उठी। ८। जब उन्हों ने नये देवों को चुन लिया तब फाटकों पर युद्ध हुआ क्या इसराएल के चालीस सहस्त्रों में एक । मेरा मन दूसराएल के अध्यक्षों की और है जिन्हों ने लोगों में मनमंता आप को सौंप दिया तुम परमेश्वर का १. । तुम जो श्वेत गदहे पर चढ़ते हो और जो न्याय पर बैठते हो और मार्ग चलते हो साच॥ ११॥ कि पनिघटों में धनुषधारियों के शब्द से लोग परमेश्वर के धर्म की चर्चा करेंगे अर्थान धर्म कार्यों को जो गांवों में इसराएल पर हुये तब परमेश्वर के लोग फाटकों पर उतर जायेंगे ॥ १२ । जाग जाग हे दबूरः जाग जाग गीत गा उठ हे बरक और अविनुश्रम के बेटे अपने बंधुअन को बंधुआई में लेजा। १३। फिर उस ने उसे जो बच रहा है लेगों के प्रधानों पर प्रभता दिई परमेश्वर ने मुझे सामर्थी पर प्रभुना दिई॥ १४। इफरायम में से एक जड़ अमालौक के सन्मुख हुई और तेरे लोगों में से हे बिनयमौन तेरे पोछे मकीर में से अध्यक्ष उतर आये और जबलून में से जो लेख्न नी से बैंचते हैं। १५ । इशकार के अध्यक्ष दबूरः के साथ थे अर्थात् दशकार बरक के साथ बुह पांव पांव तराई को भेजा गया रूबिन के विभागों में मन में बड़ी बड़ी चिंता हुई ॥ १६ । तू क्यों मुंडों का मिमियाना सुन्ने को भेड़शाला में रहा रूबिन के विभाग से मन में बड़ी बड़ी चिंता हुई। ९७। जिलिअद यरदन पार रहा और दान जहाजों पर क्यों रह गया यसर समुद्र के घाट में और कोलों में ठहर रहा। १८। जबलून और नफताली ने चौगान में ऊंचे ऊंचे स्थानों पर अपने प्राण का तुच्छ जाना ॥ १६। राजा के लड़े कनान के राजाओं ने तअनाक में मजिद के पानियों पर युद्ध किया उन्हों ने कुछ रोकड़ न लिया ॥ २० । वे खर्ग पर से लड़े तारागण अपने अपने चक्र में सौमरा से लड़े॥ २१ ॥ कसून को नदी वुह प्राचीन नदी कसून नदी उन्हें व हा ले गई हे मेरे प्राण