पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/४९२

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४८४ [६ पचे न्यायया त ने बलबन्ती को रौंद डाला ॥ २२। तब उन के घाड़ों के खर रा मारते थे उस के बीरो के दौड़ाने से। २३ । परमेश्वर के दूत ने कहा कि मिरोन को साप दे ओ वहां के वासियों को अति साप देवो इस कारण कि वे परमेश्वर की सहाय के लिये अर्थात् परमेश्वर की सहाय के लिये बलवनों के नन्मुख न आये ॥ २४ । कैनी हिब की पत्नी याइल सब स्त्रियों से अधिक धन्य होगी बुह उन स्त्रियों से जो डेरों में हैं अधिक धन्य होगी॥ २५ । उस ने पानी मांग। और उस ने उसे दूध दिया वह प्रतिष्ठित पात्र में माखन लाई॥ २६। उस ने अपना हाथ कौल पर रकला और अपना दाहिना हाथ कार्यकारी के हथैडी पर और हथोड़ी से सोसरा को मारा उस ने उस के सिर को कुचला और गोदा और उस को कनपटी को प्रारंपार छेदा ॥ २७॥ बुह उस के पावा नले तले झका वुद्द गिर पड़ा और पड़ रहा वुह उस के चरणों के आगे झुका वुह गिर पड़ा जहां बुह झुका तहां गिर के नाश हुन्मा । २८। सौसरा की माता ने झरोखे से झांका और झरोखे से पुकारा कि उस का रथ क्यों बिलंब करता है उस के रथां के पहिये क्यों विलंब करते हैं। २६। उस को बुद्धिमती स्त्रियों ने उसे उत्तर दिया हां उस ने आप ही उत्तर दिया है ३० । क्या उन्हों ने कार्य सिन न किया क्या उन्हों ने लूट न बांटी एक एक पुरुष पीछे दो एक सहेलियां और सीसरा को भांति भांति की रंगीले बस्त्र की लूट अर्थात् बूटे काढ़े हुए नाना रंग के वस्त्र की लूट होने अलंग बूटे काढ़े हुए नाना रंग के बस्त्र की लूट उठाने हारों के गलों के लिये। ३१ । इन रीति से हे परमेश्वर तेरे सारे शत्रु नाश हो परंतु जो उस्म प्रेम रखते हैं सो सूर्य के तुल्य हो। जब वुइ अपने पराक्रम से निकलत है और देश मे चालीम बरस चैन पाया। ६ छठवां पर्च॥ फर दूसराएल के संतान ने परमेश्वर की दृष्टि में बुराई क्रिई तब परमेश्वर ने उन्हें सात बरस ले मिट्यानियों के हाथ में सौप दिया । २। और मिट्यानियों का हाथ इसराएल पर प्रबल हुआ और मिट्या.