पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/४९३

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की पुस्तक। ३८५ ६ पब्वै] नियों के कारण दूसराएल के संतानों ने अपने लिये पहाड़ों में मांद और कंदला और दृढ़ स्थान बनाये। ३। और ऐसा होता था कि जब इसराएल कुछ बाने थे तब मिदयानी और अमातीकी और पर्वो वंश उन पर चढ़ पाते थे। ४। और उन के साम्ने डेरा खड़ा करके अन लेो भूमि की बढ़ती को मष्ट करते थे और दूसराएल के लिये न जोविका न भेड़ बकरी न गाय बेल न गदहा छोरते थे ॥ ५। क्योंकि वे अपने ढोर और अपने तंबूगों सहित रिड्डी दल की नाई मंडली है।के आते थे वे और उन के ऊंट अणित थे और वे पैठ के उन के देश को नष्ट करते थे। ६। सो इसराएल मिदयानियों के कारण दुर्बल हो गये और इसराएल के संतान ने परमेश्वर की दोहाई दिई। । और ऐसा हुआ कि जब इसराएल के संतान ने मिदयानियों के कारण परमेश्वर की दोहाई दिई॥ ८। तब परमेश्वर ने इसराएल के संतान पाम एक जन अर्थात् श्रागमनानी भेजा जिस ने उन्हें कहा कि परमेश्वर इसराएल का ईम्बर यों कहता है कि मैं तुम्हें मिस से ले आया और मैं तुम्ह सेवकाई के घर से निकाल लाया । और मैं ने उन्हें मिसियों के हाथ से और उन सब के हाथ से जो तुम्हें सताते थे छुड़ाया और तुम्हारे आगे से उन्हें दूर किया और उन का देश तुम्हें दिया॥ १० । और में ने तुम्हें कहा कि परमेश्वर तुम्हारा ईश्वर मैं हूँ उन अमरियों के देवतों से जिन के देश में तुम बसने हो मत डर पर तुम ने मेरा शब्द न माना ॥ ११ ॥ फिर परमेश्वर का एक टून पाया और बनून वृक्ष नले उफरः में बैठा जो अची अजरी यूग्राम का था और उसका बेटा जिदःजन कोल्हू के पास गोहं झाड़ रहा था जिमने मिट्यानियों के हाथ से छिपावे ॥ १२॥ तब परमेम्बर का दूत उसे दिखाई दिया और उसे कहा कि हे महावीर परमेश्वर नेरे साथ ॥ १३। तब जिदःऊन ने उसे कहा कि हे मेरे प्रभु यदि परमेश्वर हमारे साथ है तो हम पर ये सब क्या बीतते हैं और उस के समस्त श्राश्चर्य कहां हैं जो हमारे पितरों ने हम से वर्णन किया था क्या परमेश्वर हमें मिस्र से नहीं निकाल लाया परंतु अब परमेश्वर ने हमे व्याग किया और हमें मिदनानियों के शय में सैंप दिया। १४ । तब परमेश्वर ने उस पर दृष्टि किई और कहा कि अपनो इसी सामर्थ्य से