पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/४९४

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को उस ४८८ न्यायियो ६ पब्बे] जा और तू इसराएल को मिट्यानियों के हाथ से छुड़ावेगा क्या मैं ने तुझे नहीं भेजा ॥ १५ । और उस ने उसे कहा कि हे प्रभु मैं किस करके इसराएल को छुड़ा देख मेरा घराना मुनरमी में सब से तुच्छ और मैं अपने पितरों के घराने में सबसे छोटा॥ १६। तब परमेश्वर ने उसे कहा कि मैं तेरे साथ होऊंगा और नू एक ही मनुष्य के समान सारे मियानियों को मारेगा। १७। तब उस ने उसे कहा कि यदि अब मैं ने तेरी दृष्टि में अनुयह पाया है तो मुझे कोई लक्षण दिखा कि तू मुझ से बोलता १८। मैं तेरी विनती करता है जब लो मैं तुभ पास फिर पाऊं और अपने मांस की भेंट लाऊं और तेरे श्रागे धरूं तव सो त यहां से मन जाइयो सो उस ने कहा कि जब लों तू फिर न आवे मैं ठहरूंगा। १६। तब जिदःजन गया और उस ने बकरी का एक मेन्ना और एक ईफा पिसान के फुल के सिद्ध किये और मांस टोकरी में रकवा और रस एक कोरे में डाल के उस के लिये बलूत हच तले लाके भेट चढ़ाई ॥ २०१ तब ईश्वर के दूत ने उसे कहा कि मरंस और फुलकों को लेके इस चटान पर रख और जूस रस उड़ेल से उस ने वैसे ही किया॥ २१। तब परमेश्वर के दूत ने अपने हाथ की लाठी को बढ़ाया और उस की टॉक से मांस और फुल को को कूत्रा और उस चटान से भाग निकली और मांस और फुलके को भस्म किया तब परमेश्वर का दूत उस की दृष्टि से जाना रहा ॥ २२ ॥ अब जिदःजन ने देखा कि वह परमेश्वर का दूत था तब जिदःजन ने कहा कि हाय हे प्रभु परमेश्वर इस कारण कि मैं ने ईश्वर का दूत अाम्ने साम्ने देखा ॥ २३ । तब परमेश्वर ने उसे कहा कि तुझ पर कुशल हो मत डर तू न मरेगा। २४ । तब जिदःजन ने वहां परमेश्वर के लिये बेदी बनाई और उस का नाम यह रक्खा कि परमेश्वर कुशल भेजे से बुह प्रवीत्रजरी उफरः में आज के दिन लो बनी है। २५ । और ऐसा हुथा कि उसी रात परमेश्वर ने उसे कहा कि अपने पिता का बछड़ा और एक दूसरा बैल जो सात बरस का है ले और उस बेदी को जो तेरे पिता ने वल के लिये बनाई है ढादे और वुह कुंज जो उस के निकट है कार डाल ॥ २६ । और परमेश्वर अपने ईश्वर के लिये इस चरान