पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/४९९

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की पुस्तक। ४. ८ पब्बे] ने उदो बहुत बिवाद किया ॥ २। तब उस ने उन्हें कहा कि मैं ने तुम्हारे तुल्य अब क्या किया दूफरायम के दाख का बीनना अबिअजर को लघनी से अति अच्छा है। ३ । ईश्वर ने मिट्यान के अध्यक्ष गुराव और जिअब को तुम्हारे हाथों में सौंप दिया से तुम्हारे तुल्य काम करने का मुझे क्या मामर्थ्य था जब उस ने यह कहा तब उन की रिस धीमी हुई ॥ और जिदःऊन घरट्न पाम आया युह और उम के तीन मा संगौ सहित पार उतरे थके हुए रगेदते गये। ५॥ तब उस ने मुक्कात के लोगों से कहा कि मेरे संगियों को रोटियां दीजिये क्योंकि वे थके हैं और मैं मिदयान के राजाओं का जिवह और जलमून का पीछा किये जाता हूं। ६ । तब सुक्कात के अध्यक्षों ने कहा कि क्या जिबह और जलमन: अब तेरे हाथ में हो गये कि हम तेरे कटक को रोटियां देवें ॥ ७॥ तब जिदःऊन बोला कि जब परमेश्वर जिबह और जलमूनः को मेरे हाथों में कर देगा उस समय मैं तुम्हारे देह को बन के कांटों से और ऊंटकरारों से देऊंगा॥ ८१ और वहां से फनुरेल को गया और वहां के लोगों से वही कहा और फनुऐल के लोगों ने भी मुक्कात के लोगों के समान उत्तर दिया। । और उस ने फनुऐल के मनुष्यों से भी कहा कि जब मैं कुशल से फिरूंगा नब दूस बुर्ज को ढा देऊंगा॥ १० । अब जिबह और जलमूनः अपनी सेना सहित जो पंटरह सहस्र पूर्व के संतान की सेना में से बचे थे करकर में था क्योंकि एक लाख बौम सहख मनुष्य खड्गधारी तलवार से जम गये थे। ११ । लब जिदःजन उन की और जो नूवाह और युगविहाह की पूर्व दिशा को तंबूनों में रहते थे गया और सेना को मारा क्योंकि वुह सेना निश्चित थी। १२ । और जब जिबह औऔर जलमूनः भागे तो उस ने उन का पीछा किया और मियानी राजायों को जिबह और जलमूनः को पकड़ा और सारी सेना को डरा दिया ॥ १३ । और यूअास का बेटा जिस्कन मूर्य के उदय से आगे संग्राम से फिरा॥ १४ । और सुकान में के एक तरुण को पकड़ा और उसने पूछा तब उस सतहत्तर मनुष्यों का पना बताया जो सुक्कान के अध्यक्ष और प्राचीन थे॥ १५ । लय बुह सुलात पास आया और कहा कि देखो जिबह