पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/५०६

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न्यायियों [१० पब्बे जो १. दसवां पद । पर अविमन्निक के पीछे इशकार का एक जन दूदू का पाता का पुत्र तोलअ दूसराएल के संतान के बचाव के लिये उठा वुह दूफ़रायम पहाड़ समौर में रहता था । । और उस ने तेईस बरस दूसराएल का न्याय किया और मर गया और समीर में गाड़ा गया। ३। और उस के पीछे जिलिअदौ यादूर उठा और उस ने इसराएल का बाईस बरम न्याय किया॥४। और उस के तीस बेटे थे जोतील गदहों पर चढ़ा करते थे और उन के तौस नगर थे जिन के नाम आज के दिन लो थाइर के गांव हैं जो जिलिअद के देश में हैं। ५। और यादूर मर गया और कमून में गाड़ा गया। ६। तब दूसराएल के संतानों ने परमेश्वर की दृष्टि में बुराई किई और उन्हों ने बअलीम और इस्तारात और अराम और सैदा के और मोअब के और अम्मन के संतान के और फिलिमतियों के देवों की सेवा किई और परमेश्वर को छोड़ दिया और रस की सेवा न किई, ॥ ७॥ तब परमेश्वर का क्रोध मराएल पर भड़का और उस ने उन्हें फिलिसनियों और अमान के संतानों के हाथों में कर दिया। ८। और उन्हों ने उस बरम से सारे इसराएल के संतान को जो परदन के उस पार अभूरियों के देश में और जिलिअद में थे अठारह वरस ले उन्हें अति खिजाके चर किया। । और अमन के संतान ने घरदन पार होके यहूदाह से भी और बिनयमीन और इफरायम के घर से युद्ध किया यहां ले कि इसराएल अनि दुःखौ हुए॥ १.! तब इसराएल के संतान ने परमेश्वर की प्रार्थना करके कहा कि हम ने तेरे बिरुद्ध में पाप किया इस कारण कि अपने ईबर को छोड़ा और बअलीम की सेवा भी किई। ११ । नव परमेश्वर ने दूसराएल के संतान से कहा कि क्या मैं ने तुम्हें मिस्त्रियों से और अमूरियों से और अम्मून के संतान से और फिलिमतियों से नहीं छड़ाया । १२। और सैदानियों से भी और अमालिकियों और मनियों ने भी तुम्हें दुःख दिया और तुम ने मेरी दोहाई दिई से मैं ने टुम्दं उन के हाथों से छुड़ाया। १३ । तथापि तुम ने मुझे त्याग किया