पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/५१२

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[१३ पर्व न्यायियों अबदून मर गया और अमालौकियों के पहाड़ दूफरायम के देश में परअतून में गाड़ा गया। १३ तेरहवां पब । फर इसराएल के संतान ने परमेश्वर की दृष्टि में अधिक बुराई किई और परमेश्वर ने उन्हें चालीम बरस लो फिलिमतियों के हाथ में मौंप दिया ॥ २। और दान के घराने में सू (अः का एक जन था जिस का नाम मनूहा था उस को रत्नौ बांझ होके न जनती थी । ३ । तब परमे- श्वर का दून उस स्त्री को दिखाई दिया और उसे कहा कि देख तू बांझ होके नहीं जनती है पर तू गर्भिणी होगी और बेटा जनेगी॥ ४ । सेा साँचेत हो मदिरा अथवा अमल की कोई बस्तु न पीजियो और कोई अशुद्ध वस्तु न खाइये ॥ ५ । क्योंकि त गर्भिणी होगी और बेटा जनेगी उस के सिर पर छूराम फिरेगा क्योंकि बुह बालक गर्भ से परमेश्वर के लिये नासरी होगा और बुह इसराएलियों को फिलिसनियों के हाथ से छुड़ाने को प्रारंभ करेगा॥ ६। तब उस स्त्री ने आके अपने पति से कहा कि ईश्वर का एक जन मुझ पास आया उस का खरूप ईश्वर के दून की नाई अति भयानक था परंतु मैं ने उसे न पूछा कि तू कहां का और उस ने भी अपना नाम मुझे न बताया ॥ ७। पर उस ने मुझे कहा कि देख तू गर्भिणी होके बेटा जनेगी अब तू मदिरा और कोई अमल की वस्तु न पौजियो और अपवित्र बस्तु मन खाइयो क्योंकि वह बालक गर्भ में से जीवन भर ईश्वर के लिये नासरी होगा॥ ८। तब मन हा ने परमेश्वर से बिनती करके कहा कि हे मेरे परमेश्वर ऐसा कर कि ईश्वर का वुह जन जिसे तू ने भेजा था हम पास फिर बाये और हमें मिखावे कि हम उस लड़के के विषय में जो उत्पन्न होगा क्या करें। है। और ईश्वर ने मनूहा का शब्द सुना और ईअर का टून उस स्त्री पास जब वुह खेत में थी फिर अाया परंतु उस का पति मनूहा उस पास न था। १० । 'नत्र युद्ध स्तौ फुरती से दडी गई और अपने पति को जताया और उसे कहा कि देख वहीं मनुष्य जो अगिले दिन मुसो दिखाई दिया था फिर दिखाई दिया है। ११। तब मनूहा उठके अपनी पत्नी के पीछे चला और उस मनुष्य पास