पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/५२८

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[२० पच्च ५२० न्यायियों जिसने इसराएल के संतान से संग्राम करें। १५ । और विनयमौन के संतान जो नगरों मेंसे उस समय गिने गये जिबः के सात सौ चुने हुए जन को छोड़ के छब्बीस महल खड्गधारी थे ॥ १६ । इन सब लोगों में सात सौ चुने हुए बैंहये थे जिन में हर एक डिलबांस के पन्थर से बाल भर मारने में न चूकना था। १७। और विनयमौन को छोड़ दूसराएल के संतान चार लाख योद्धा खड्गधारी थे। १८। और इसराएल के संतान उठके ईश्वर के मंदिर को गये और ईश्वर से मंत्र चाहा और कहा कि हमें से कौन पहिले बिनयमौन के संतानों पर युद्ध के लिये चढ़ जाय परमेश्वर ने कहा कि पहिले यहूदाह ॥ १८ । से इसराएल के संतान बिहान को उठे और जिवा के सन्मुख कावनी किई। २०। और दूसराएल के संतान बिनयमोन से लड़ाई करने को निकले और इसराएल के संतान जिवनः में उन के आगे पांतो बांध संग्राम के लिये खड़े हुए। २१ । तब बिनयमीन के संतान ने जिवनः से निकल के उस दिन बाईस सहन इसराएलोया को मार के में मिला दिया ॥ २२। और इसराएल के संतानों ने हियाव किया और उसी स्थान पर जहां बे पहिले दिन लैस थे संग्राम किया । २३। और इनराएल के संतानों ने जपर जाके सांस ले परमेश्वर के भागे बिलाप किया और यह कहके परमेश्वर से मंत्र चाहा कि हम अपने भाई विनयमौन के संतानो से संग्राम करें परमेश्वर ने कहा कि उन पर चढ़ जायो॥ २४ । सो इसराएल के संतान दूसरे दिन विनयमौन के संतान के विरोध में समीप आये । २५ । और उस दूसरे दिन विनयमीन ने जिवन से निकल के इमराएल के संतान के अठारह सहन मनुष्य मार के भूमि पर डाल दिये सब खगधारो थे॥ २६। तब सारे इसराएल के संतान और सारे लोग ईम्बर के मंदिर को चढ़ गये और रोये और वहां परमेश्वर के आगे बैठे और उस दिन सांझ लो ब्रत किया और होम की भेट और कुशल की भेंट परमेश्वर के आगे चढ़ाई। २७॥ और इसराएल के संतानों ने परमेश्वर से बूझा क्योंकि परमेश्वर की साक्षी की मंजूषा उन दिनों में वहां थी॥ २८। और हारून के बेटे इलिशजर का बेटा फौनिहाम उन दिनों में उस के आगे खड़ा रहता था