पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/५३९

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४ पन्ने] की पतक। ५३१ कुड़ा क्योंकि मैं उड़ा नहीं सक्ता ॥ ७ । सब बात को दृढ़ करने के लिय अगले समय में पलटने और छुड़ाने के विषय में इसराएल में यह व्यवहार था कि मनुष्य अपना जूना उतार के अपने परोसौ को देता था और इसराएल में यही साक्षी थी। ८। इस लिये उस कुटुम्म ने बोअाज को कहा कि तू अभी मोल ले सो उस ने अपना जूता उतारा॥ । और बोआज ने प्राचीनों को और सारे लोगों को कहा कि तुम अाज साक्षी हो कि मैं ने इलीमलिक और किलयून और महलून का सब कुछ नअमौ के हाथ से मोल लिया ॥ १.। और उसो अधिक मैं ने महनून की पत्नी मोबौ रुत को अपनी पत्नी के लिये मान लिया जिसने मृतक के नाम को उस के अधिकार में स्थिर करूं कि मृतक का नाम अपने भाइयों से और अपने स्थान के फाटक में से मिट न जावे तुम आज के दिन साक्षी हो॥ ११। तब मारे लोगों ने जा फाटक पर थे और प्राचीनों ने कहा कि हम साक्षी हैं परमेश्वर दूस स्त्री को जा तेरे घर में आई है राखिल और लियाह के समान करे जिन दोनों ने दूसराएल के घरानों को बनाया तू इफराता में भाम्यवान हो और अपना नाम बैतलहम में प्रचार कर॥ १२। और तेरा घर जिसे परमेश्वर इस कन्या के बंश से तुझे देगा फाडम के घर के समान हेरवे जिसे तामर यहूदाह के लिये जनी ९३ । तब बोआज ने रून को लिया और वुह उम की पत्नी हुई और जब उम ने उसे ग्रहण किया तब वुह परमेश्वर के अनुग्रह से गर्भिणी हुई और बेटा जनी॥ १५ । और स्त्रियों ने नमी से कहा कि परमेश्वर धन्य है जिस ने तुझे आज के दिन बिना कुटुम्ब न छोड़ा जिसने उस का नाम इसराएल में प्रसिद्ध होवे । १५ । और वुह तेरे जीवन के बढ़ाने का कारण और तेरे युल्लापे के पालने का कारण होगा क्योंकि तेरी बहू जो तुझ से मीति रखती है जो मात बेटी से तेरे लिये भनी है उस के लिये जनी है । १६ । और नश्रमी ने उस बालक को लिया और अपनी गोद में रकवा और उम की रहा हुई । १७। तब उम की परोसिन उस का नाम लेकर बोलौं कि नअमी का बेरा उत्पन्न हुआ और उन्होंने उस का नाम आबिद रक्खा बुह यस्मी का पिता दाऊद का पिता ॥ १८ । ।