पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/५४६

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समूएल देऊंगा और जो मेरी निंदा करते हैं सो निंदित होंगे। देखो वे दिन आने हैं कि मैं तेरी भुजा और तेरे पिता के घराने की भुजा काट डालंगा कि तेरे घर में कोई बढ़ा न होगा। ३२। और समस्त ममय में कि परमेश्वर इसराएल पर भताई करेगा तू मंदिर में अपना बैरी देखेगा और मेरे बंश में कभी कोई वृड्डू न होगा ॥ ३३ । और तेरा वुह जन जिसे मैं अपनी बेदी में से काट न डालंगा तेरी अांखें फोड़ेगा और तेरे मन को शोकित करेगा और तेरे घर को बदनौ तरुणाई में मर जायगी । ३६ । कि नेरे दोनों बेटों हफनी और फौनिहाम पर यह पड़ेगा मेरे लिये यह पता है कि एक ही दिन में दोनों के दोनों मर जायेंगे। ३५ । और मैं अपने लिये एक विश्वास मय याजक उठाऊंगा जो मेरे मन के और अंतःकरण के ममान करेगा और उम के लिये मैं एक घर स्थिर करूंगा और वह सदा मेरे अभिषिक्त के आगे चनेमा ॥ ३६ । और ऐसा होगा कि हर एक जन जो तेरे घर में बच रहेगा एक टुकड़ा चांदी और एक एक कर रोटी के लिये उस के पोछे फिरेगा और कहेगा कि उन याजकों में से मुझे एक की सेवा दीजिये कि मैं एक टुकड़ा रोटी खरया करूं ॥ ३ तीसरा पर्व । पर वह बालक ममएल एली के आगे परमेश्वर को मेवा करता था और उन दिनों में ईश्वर का बचन बहुमूल्य था कोई प्रगट दर्शन न होता था। २। और ऐसा हुआ कि जब एली अपने स्थान में लेटा था और उस की आंखें धुंधली होने लगीं ऐसा कि बुह देख न सता था। ३। जहां ईश्वर की मजषा थी तहां परमेश्वर के मंदिर का दीपक अब लो न बुझा था और समूएल लेट गया था । परमेश्वर ने समूएल केर पुकारा उस ने उार दिया कि मैं यहीं हूं ॥ ५ ॥ और एली पाम दौड़ के कहा कि मैं यहीं हूं क्योंकि त ने मुझे पुकारा है वह बोला कि मैं ने नहीं पुकारा फिर जा लेट रह से वह जाके लेट गया । और परमेश्वर ने ६ । और परमेश्वर ने समूगल को फेर पुकारा और समूएल उठ के एली पास गया और बोला कि मैं यही है क्योंकि नू ने मुझे और ४। कि