पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/५५५

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८ पद को १ पुस्तक ५४७ पाचौनों ने आप को एक? किया और रामात में समूएल पास आये ॥ ५ । और उसे कहा कि देख त बुडू है और तेरे बेटे नेरी चाल पर नहीं चलने से अब समस्त जातिमा की नाई हमारा न्याय करने के लिये एक राजा उहरा॥ ६ । परंतु जब उन्हों ने उसे कहा कि हमारे न्याय करने के लिये हमें एक राजा दे इस बात से समुएल उदास हुआ और समूएन ने परमेश्वर से प्रार्थना किई॥ ७। और परमेश्वर ने समूएल का कहा कि लोगों के शब्द पर जो वे तुझे कहें कान घर कयांकि उन्हों ने कुछ तुझे त्याग नहीं किया परंतु मुझे त्याग किया जिमत में उन पर राज्य न करूं। ८। जब से कि में उन्हें मिस्र से निकाल लाया आज ले। उन सब कार्यों के समान उन्हों ने किया जिन से मुझे छोड़ दिया और श्रान प्रान देवों की सेवा किई वैसा ही वे तुझ से भी करते हैं। । से। अब उन के शब्द पर कान घर तथापि अति दृढ़ता से उन के विरुद्ध उन्हें कह है और उस राजा का व्यवहार बताजा उन पर राज्य करेगा। १.। और समूएल ने उन लोगों को जा उस्मे राजा के खोजी थे परमेश्वर को सारी बातें कहीं। ११। और उस ने कहा कि उम राजा के जो तुम पर राज्य करेगा ये व्यवहार होंगे कि वुह मुम्हारे बेटी को ले के अपने लिये और अपने रथों के और घोड़चढ़ों के लिये उहरावेगा और अपने रथों के भाग दोडावेगा॥ १२ । और अपने लिये महल सहस्र के प्रधान और पचास पचास के प्रधान ठहरावेगा और अपनी भमि उन से जोता के प्रावेगा और लवावेगा और अपने संग्राम के और अपने रथों के हथियार बनवायेगा ।। १३ । और तुम्हारी बेटियों से अपने निये मिठाई वनवायेगा और भोजन बनवावेगा और रोटो पावावेगा। ५.४ । और वुह तुम्हारे खेतों को और दाख के और जलपाई की बारियों को जो अच्छी से अच्छी होगी ले के अपने सेवकों को देगा। १.५ । और तुम्हारे अन्न और दाख की बारियां का दसवां अंश ले के अपने नपुंसकों को और अपने सेवकों को देगा॥ १.६। और वह तुम्हारे दास और तुम्हारी दासियों को और सुंदर से मुंदर युवा मनुष्यों को और तुम्हारे गद हों को ले के अपने काम में लगावेगा॥ १७॥ तुम्हारो भेड़ा का दभवां अंश लेगा और तुम उस के सेवक हारोगे। १८। और तव